रिटेल एफडीआई का बवंडर संसद के गलियारों तक पहुंचा. तृणमूल कांग्रेस के सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के विफल प्रयास के बीच मुख्य विपक्षी दल भाजपा और वाम दल मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अड़ गए हैं, जिसके लिए सरकार तैयार नहीं है.