बंगाल चुनाव की बात हो और जय श्रीराम न हो ये जरा मुश्किल है. राम का नाम बीजेपी की राजनीति का आधार है तो राम नाम सुनकर ममता हत्थे से उखड़ जाती हैं. ये स्थिति बीजेपी को बहुत पसंद है. यही वजह है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के समर्थक धड़ल्ले से राम नाम का इस्तेमाल करते रहे. अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बंगाल में एक बार फिर जय श्रीराम हो गया. राजनीति के जानकार कहते हैं कि श्री राम के नाम पर ममता का भड़कना बेमानी नहीं है. ये वो हथकंडा है जिसे वो अल्पसंख्यकों को साधने के लिए इस्तेमाल करती हैं. ममता ने मुस्लिम वोटों के दम पर ही साल 2011 में लेफ्ट को सत्ता से बाहर किया था और उन्हें इस बात का डर सताता है कि अगर राम नाम पर जरा भी नरमी दिखाई तो राज्य का 27 परसेंट मुस्लिम वोटर उनके हाथ से निकल सकता है. अगर इस बात में ज़रा भी सच्चाई है तब भी इस बार का चुनाव ममता के लिए आसान नहीं रहनेवाला क्योंकि बंगाल की सियासत में ओवैसी का दखल उनका गणित बिगाड़ सकता है. देखें खास कार्यक्रम, इस वीडियो में.