आज देश की बात में बात होगी हमारे और आपके सांसों की. कोरोना संकटकाल में सांसों पर दोहरा संकट आ गया है. एक तरफ कोरोना से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पूरे उत्तरभारत में लोगों की जिंदगी पर प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है. ऐसा नहीं है कि प्रदूषण की समस्या कोई नई है. ये हर साल की समस्या है. प्रदूषण बढ़ाने का आरोप किसानों के सिर पर मढ़ा जाता है. वहीं किसानों की बात करें तो एक तरफ कृषि कानून ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. तो उधर पराली के लिए भी किसानों को सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है. परेशान किसानों ने अब पराली जलानी शुरू कर दी है. देखें ये रिपोर्ट.