scorecardresearch
 

पराली जलाने पर पंजाब और हरियाणा सरकार के खिलाफ हो कार्रवाई: राघव चड्ढा

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा वायु-प्रदूषण के मामले में उदासीनता बरत रहे हैं और पराली जलने से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले अक्टूबर के पहले सप्ताह में पराली जलाने के मामलों में पंजाब में 9 गुना और हरियाणा में 3 गुना वृद्धि हुई है. 

Advertisement
X
पराली जलाने पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से पूछे सवाल (फाइल फोटो)
पराली जलाने पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से पूछे सवाल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रदूषण पर आप ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
  • 'पंजाब और हरियाणा सरकार के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई'
  • 'पंजाब और हरियाणा वायु-प्रदूषण के मामले में उदासीनता बरत रहे'

दिल्ली में सर्दी के मौसम के साथ प्रदूषण की भी दस्तक हो जाती है. पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर आम आदमी पार्टी ने पड़ोसी राज्यों के साथ साथ केंद्र सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. आम आदमी पार्टी की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ईपीसीए पराली जलाने की शिकायतों की अनदेखी करने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. 

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा वायु-प्रदूषण के मामले में उदासीनता बरत रहे हैं और पराली जलने से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले अक्टूबर के पहले सप्ताह में पराली जलाने के मामलों में पंजाब में 9 गुना और हरियाणा में 3 गुना वृद्धि हुई है. 

राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी वायु प्रदूषण से निपटने की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ हरियाणा की सरकार ने पीएम की सलाह को नजरअंदाज किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार हवा को स्वच्छ करने के लिए 4,400 करोड़ रुपये खर्च करेगी. राघव चड्ढा ने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि यह पैसा कहां गया? अभी तक किसानों को वो पैसा क्यों नहीं दिया गया, किसानों को अभी तक हैप्पी शीडर मशीन क्यों नहीं दी गईं? पराली जलाने को लेकर आज तक केंद्र सरकार ने कोई परिवर्तनात्मक उपाय क्यों नहीं दिया? आज फिर से पराली जलाने की स्थिति क्यों आ पड़ी है?

Advertisement

आम आदमी पार्टी के मुताबिक इस साल पंजाब, हरियाणा और यूपी में लगभग 35 मिलियन टन पराली जलाए जाने की संभावना है. जब यह प्रदूषण हवा के साथ दिल्ली पहुंचेगा तो इससे सिर्फ लोगों का स्वास्थ्य ही खराब होगा. मैं तमाम राज्यों से गुजारिश करता हूं कि वो इसे रोकें. 

उन्होंने कहा कि पंजाब में 2019 में 20 मिलियन टन धान की पराली थी, जिसमें से 9.8 मिलियन टन जला दी गई थी. वहीं, हरियाणा में सात मिलियन टन धान की पराली थी जिसमें से 1.23 टन जलाया गया था. यानी दोनों राज्यों में पिछले साल 11 मिलियन टन पराली जलाई गई थी.  लेकिन, पंजाब और हरियाणा की सरकारें अपनी आपराधिक लापरवाही के चलते दिल्ली को गैस चैंबर में तब्दील करने पर लगी हुई हैं.

राघव चड्ढा ने आगे कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार की संस्था, सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण (45 फीसदी ) पराली जलाना है. मुख्य तौर पर पराली पंजाब, हरियाणा और यूपी में जलाई जाती है. लगभग 15 अक्टूबर से पराली जलाने के कारण दिल्ली गैस चैंबर में बदल जाती है. 

आम आदमी पार्टी नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, सीएससी, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की प्रदूषण पर नजर रखने वाली संस्थाएं लगातार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कहती रही हैं कि वो प्रदूषण को लेकर कोई ठोस कदम उठाएं और पराली पर रोक लगाएं, लेकिन आज यह कहते हुए दुख होता है कि दिल्ली को गैस चैंबर में तब्दील करने में पंजाब और हरियाणा की मुख्य तौर पर निष्क्रियता और आपराधिक लापरवाही के चलते दिल्ली में आने वाले दिनों में स्थिति गंभीर होती नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने महाभारत की गांधारी की तरह आंखों पर पट्टी बांध ली है और सच से मुकर रहे हैं. उन्हें दिल्ली के लोगों के स्वास्थ की भी परवाह नहीं है.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement