चुटकी और सीटी बजाना वैसे तो आम बात है, लेकिन संजय सिन्हा ने बताए कि कैसे सीटी बजाने वाले को समाज सही नजर से नहीं देखता है. जबकि चुटकी बजाने के पीछे कोई चारित्रिक दोष नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि लोग अक्सर बातों-बातों में क्यों कहते हैं ये काम तो हम चुटकी बजाते ही कर देंगे.