नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. भगवान शिव को पाने के लिए इन्होंने कठोर पूजापूजा की थी, जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था. जब शिव जी ने इनको दर्शन दिए तब उनकी कृपा से इनका शरीर अत्यंत गौर हो गया और इनका ना गौरी हो गया. मां गौरी श्वेत वर्ण की हैं और श्वेत रंग में इनका ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है. विवाह संबंधी बाधाओं के निवारण में इनकी पूजा अचूक होती है, ज्योतिष में इनका संबंध शुक्र ग्रह से माना जाता है.