मां दुर्गा का पांचवा स्वरूप स्कंदमाता का माना जाता है. कार्तिकेय जी की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहते हैं. स्कंदमाता की पूजा से संतान की प्राप्ति होती है और संतान से जुड़े सभी कष्टों का अंत हो जाता है.