इन दिनों सोशल मीडिया पर Deep Nostalgia AI टूल वायरल हो रहा है. दरअसल ये एक टूल है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड है. इस टूल के जरिए पुरानी तस्वीरों को ऐसा बना दिया जाता है जिसे देख कर आपको लगेगा फोटो में एक्सप्रेशन आ गई. लेकिन ये हो कैसे रहा है आपको ये जानना जरूरी है.
Deep Nostalgia ऐप कैसे काम करता है...
ये ऐप और टूल इतना वायरल हो रहा है कि खबर लिखे जाने तक हम इसे ऐक्सेस नहीं कर पा रहे हैं. वेबसाइट पर लिखा है हेवी लोड होने की वजह से मेनटेनेंस का काम चल रहा है.
लोग अपने फैमिली की पुरानी फोटो को अपलोड करके इसे ऐसा देख पा रहे हैं जो लगता है कि असली है. जो लोग इस दुनिया में नहीं हैं उनकी भी तस्वीरें अपलोड करके डीप नोस्टैल्जिया क्रिएट किया जा रहा है.
ये टूल आपकी फोटोज से छोटी छोटी डीटेल्स कलेक्ट करता है. जैसे कैसा आप ब्लिकं करते हैं, किस तरह से स्माइल करते हैं और आपका जेस्चर क्या है. इन सब के आधार पर ये टूल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए अपना काम करता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे जानने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.
फोटो अपलोड होते ही सबसे पहले ये टूल उसे एनलार्ज करता है. इसके बाद आपको एक जिफ फाइल मिलती है. इसमें अपलोड की गई फोटो एनिमेटेड दिखती है. यहां डीप लर्निंग का इस्तेमाल किया गया है.
Deep Nostalgia और Deep Fake...
Deep वर्ड यहां दरअसल Deep Learning से आता है. Deepfake में भी ये Deep का यूज ऐसे ही किया जाता है. Deep Learing असल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का एक हिस्सा है जिसे इसमें यूज किया जाता है.
अगर आप इसे देखें तो ये एक उदाहरण है. इस बात का उदाहरण की डीप फेक किस तरह से काम करता है. डीप फेक के तहत असली और नकली की पहचान करनी मुश्किल हो जाती है. कहीं पर बोल कुछ रहे होंगे और डीपफेक के जरिए ऐसा बना दिया जाएगा जिसका गलत मतलब निकाला जा सके.
ऐसे कई उदाहरण हैं जहां डीपफेक के जरिए किसी सेलिब्रिटी या लीडर का स्पीच को बदल दिया जाता है. आपको देख कर लगेगा कि वो सच है, लेकिन दरअसल डीप फेक की वजह से आपको सच लगता है.
Deepfake कैसे काम करता है... (Deepfake के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें)
Deep Nostalgia टूल जिस तरह से काम करता है, काफी हद तक डीप फेक भी ऐसे ही काम करता है. डीप फेक क्रिएट करने वाले टूल किसी भी शख्स के हजारों छोटे छोटे एक्स्प्रेशन को कलेक्ट करते हैं, उन्हें प्रोसेस करते हैं और फिर उसे अपने हिसाब से किसी तरह का वीडियो या फोटो तैयार कर सकते हैं.
इन दिनों ज्यातर डीप फेक से फोटोज को एनिमेट किए जा रहे हैं, वीडियोज बनाए जा रहे हैं -- जो देखने में असली लग रहे हैं.
कुछ लोगों को पसंद आ रहा है, लेकिन कुछ डर रहे हैं...
कुछ लोग को ये Deep Nostalgia टूल अच्छा लग रहा है, लेकिन एक तबका ऐसा भी है जिसे ये डरावना लग रहा है. क्योंकि ये तो महज एक उदाहरण है आगे डीप फेक से क्या मुमकिन है ये भी सोचना होगा.
Deep Nostalgia को MyHeritage नाम की वेबसाइट ने शुरू किया है. इस वेबसाइट के मुताबिक यूजर्स द्वारा अपलोड की गई तस्वीरों को ये कंपनी थर्ड पार्टी को नहीं देता है.
इस वेबसाइट की FAQ पेज में ये भी लिखा है कि अगर साइन अप प्रोसेस कंप्लीट करने से पहले अपलोड की गई तस्वीरें खुद से डिलीट कर दी जाती हैं.
इस तरह की वेबसाइट, टूल और डीप फेक से क्या नुकसान है?
आप खुद से ये समझ सकते हैं कि आप अपनी या अपने लोगों की तस्वीरें यहां अपलोड कर रहे हैं. तस्वीरों में क्या है? तस्वीर खुद में एक डेटा है और इसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है.
अब सवाल ये है कि आप किसी वेबसाइट पर फोटो अपलोड करने से प्राइवेसी को लेकर कितना सजग हैं. अटैकर्स, स्कैमस्टर्स और साइबर क्रमिनिल्स डीपफेक और इस तरह के डेटा को गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं.