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सब्सक्रिप्शन का मायाजाल, नींद से लेकर खुशी तक के लिए इंसानों को कराना होगा रिचार्ज?

Subscription Trap: दुनिया भर में सब्सक्रिप्शन ट्रैप और सब्सक्रिप्शन फटीग तेजी से बढ़ रहा है. Netflix की सीरीज Black Mirror के नए एपिसोड में इसकी झलक मिलती है. आइए जानते हैं कैसे सबस्क्रिप्शन ट्रैप में लोगों को फंसा रही हैं कंपनियां.

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Subscription Trap
Subscription Trap

Netflix की साइंस फिक्शन सीरीज Black Mirror काफी पॉपुलर है. हाल ही में इसका 7वां सीजन आया है और पहले ही एपिसोड ने तहलका मचा दिया. ये एपिसोड सब्सक्रिप्शन के मायाजाल को दिखाता है. इस एपिसोड को देखने के बाद एक चीज तो साफ है कि सब्सक्रिप्शन का खेल भारत में भी अब डार्क होने वाला है. सब्सक्रिप्शन ट्रैप कैसे लोगों को बर्बाद कर रहा है इसकी भी एक झलक मिलती है. खास तौर पर इसमें दिखाया गया है कि कैसे हेल्थ केयर सब्सक्रिप्शन सर्विस एक बड़ा खतरा बन सकता है. 

Common People: Subscription Trap का असली सच

इमैजिन कीजिए, एक दिन आप उठते हैं और रियलाइज़ करते हैं कि आपकी लाइफ एक सब्सक्रिप्शन सर्विस बन चुकी है. आपकी हेल्थ, बेहतर नींद, बेसिक फ्रीडम, आपकी इज्जत, ये सब कुछ एक मंथली फीस पर डिपेंड करेगी. आपको अच्छा फील करना है तो इसके लिए बूस्टर पैक, मूड अच्छा करना है तो इसके लिए भी एक पैक. 

Netflix की हिट सीरीज़ 'Black Mirror सीज़न 7 के पहले एपिसोड 'Common People' में यही शॉकिंग रिएलिटी दिखाई गई है. इसमें टेक्नोलॉजी और सब्सक्रिप्शन धीरे-धीरे लोगों की लाइफ को अपने कंट्रोल में लेकर एक्सप्लॉइट करते हैं. हालांकि ये सीरीज पूरी तरह फिक्शनल है, लेकिन आज के दौर में इसकी झलक मिलती है. 

यह भी पढ़ें: Amazon Prime सब्सक्रिप्शन के बाद भी दिखेंगे ऐड्स, ऐड फ्री के लिए लगेंगे और पैसे

इस एपिसोड में Amanda और Mike नाम का एक कपल है. Amanda को गंभीर बिमारी हो जाती है और कपल के पास फ्री हेल्थकेयर सब्सक्रिप्शन लेने के अलावा दूसरा ऑप्शन ही नहीं बचता है. जान बचाने के लिए Mike ये सब्सक्रिप्शन ले लेते हैं और अपनी वाइफ को सेव कर लेते हैं. 

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शुरू में अफोर्डेबल लगता है लेकिन जल्दी ही वो कभी खत्म न होने वाले पेमेंट साइकल में फंस जाते हैं. एपिसोड की एंडिंग बेहद डार्क है, लेकिन प्रेडिक्टेबल है और सच लगता है. 

Amanda को हर जरूरी फीचर जैसे ऐड-फ्री एक्सपीरियंस, बेटर कवरेज, या फास्टर मेडिकल केयर, सबके लिए प्रीमियम टियर लेना पड़ता है. यहां तक की अच्छी नींद के लिए सब्सक्रिप्शन लेना होता है. हैपिनेस और अच्छा महसूस करने के लिए अलग से बूस्टर पैक्स का भी ऑप्शन है.

यानी एक दिन के लिए आपको काफी अच्छा महसूस करना है तो इसके लिए बूस्टर पैक की जरूरत होगी. ऐप के जरिए मूड कंट्रोल हो सकता है. इसी चक्कर में यूज़र्स फाइनेंशियली और इमोशनली ड्रेन हो जाते हैं, क्योंकि अब ये सर्विस उनकी मजबूरी बन चुकी है.

Amazon का नया ऐड फ्री पैक...

शायद आपको लगे ये बस एक फिक्शनल कहानी है, लेकिन असल दुनिया में भी ये सब्सक्रिप्शन ट्रैप तेजी से फैल रहा है. इसका फ्रेश एग्जाम्पल है Amazon Prime Video का नया ऐड फ्री प्लान. हाल ही मेंं Amazon ने अनाउंस किया कि Prime Video अब ऐड-सपोर्टेड हो जाएगा. मतलब जो यूज़र्स पहले ही साल के 1499 रुपये पे कर चुके हैं, उन्हें अब भी ऐड्स देखने होंगे. अब उन्हें ऐड फ्री सब्सक्रिप्शन के लिए 699 रुपये हर साल एक्स्ट्रा देने होंगे ताकि ऐड्स ना दिखें. 

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ये सिर्फ Amazon की बात नहीं है. Disney+ Hotstar, Netflix, Spotify और YouTube Premium जैसे प्लेटफॉर्म्स भी यही कर रहे हैं. पहले अट्रैक्टिव प्राइस पर सर्विस देंगे, जब आप कंफर्टेबल हो जाएंगे, तब फीचर्स कम करके एक्स्ट्रा पेमेंट मांगेंगे. 

इंडियन कस्टमर्स इससे परेशान हैं. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि ये चीटिंग की तरह है. क्योंकि पहले लोगों को ये नहीं बताया जाता है कि आगे भी अलग तरह के सब्सक्रिप्शन देने होंगे. कुछ यूजर्स मान रहे हैं कि लोगों में सब्सक्रिप्शन फटीग बढ़ रहा है. क्योंकि हर ऐप धीरे धीरे नए नए सब्सक्रिप्शन और बूस्टर्स लॉन्च कर रहा है. 

Swiggy की Black Subscription...

Swiggy One सब्सक्रिप्शन लेने के बावजूद अब कंपनी Swiggy Black शुरू कर चुकी है. Swiggy One वाले कुछ फायदे हटा दिए गए हैं और Swiggy Black में कुछ एक्स्ट्रा बेनिफिट्स दे दिए गए हैं. यानी अब पूरा बेनिफिट लेने के लिए Swiggy Black लेना होगा. याद रहे, Swiggy जैसे प्लेटफॉर्म पहले से ही अपनी फीस चार्ज करते हैं, डिस्काउंट कूपन भी एक तरह का धोखा है. 

क्या है Subscription Fatigue?

Subscription Fatigue सिर्फ एक टर्म नहीं बल्कि रियल साइकोलॉजिकल और फाइनेंशियल स्ट्रेस है. यूज़र्स को पहले सस्ते प्लान में फंसाया जाता है, फिर धीरे-धीरे एक्स्ट्रा पेमेंट के लिए प्रेशर किया जाता है. कोई लिमिट नहीं होती.

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Netflix इंडिया में फिलहाल ऐड-फ्री है लेकिन ग्लोबली ऐड-सपोर्टेड टियर्स ला रहा है, क्या गारंटी है कि इंडिया में कल ऐसा नहीं होगा? Amazon के बाद अब Netflix भी ऐसा कर सकता है. 

अच्छी नींद के लिए भी सब्क्रिप्शन!

Black Mirror का 'Common People' एपिसोड इसी रियल-लाइफ इशू को स्ट्रॉन्गली दिखाता है. Amanda और Mike की लाइफ हर नए टियर के साथ मुश्किल होती जाती है, पहले ऐड्स हटाने के लिए पैसे, फिर बेटर हेल्थ के लिए ज़्यादा पैसे. हर स्टेप पर उनकी डिग्निटी कॉम्प्रोमाइज होती है और यूज़र्स की मजबूरी कंपनी का प्रॉफिट बन जाती है.

अब सवाल है, ये एथिकल है या नहीं? कंज़्यूमर राइट्स का क्या? इंडिया में कंज़्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 है, जो कहता है कंपनी मिड-वे टर्म्स बिना नोटिस और कंसेंट नहीं बदल सकती. क्या Amazon जैसे प्लेटफॉर्म्स ये लॉ फॉलो कर रहे हैं या ये एक ब्रीच ऑफ ट्रस्ट है? कंज़्यूमर्स को ये पता होना चाहिए.

सब्सक्रिप्शन का बिज़नेस मॉडल बेहद स्मार्ट है, क्योंकि ये पहले अफोर्डेबल दिखता है पर धीरे-धीरे आपकी चॉइस कंट्रोल करने की पावर देता है. आज किसी सर्विस की सब्सक्रिप्शन 499 रुपये है, कल वो Rs 699 रुपये की हो जाएगी, लेकिन क्या सर्विस बेटर होगी?

बिल्कुल नहीं, क्योंकि वो सिर्फ पुरानी सर्विस वापस लाने का चार्ज है. बेसिक प्लान से कुछ फीचर्स हटा लिए जाते हैं और नया प्लान लॉन्च कर दिया जाता है, ताकि सब्सक्रिप्शन को नए नाम से महंगा बेचा जा सके. 

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भारत में रेगुलेटरी बॉडीज़ और सरकार को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए. ट्रांसपेरेंट प्राइसिंग ज़रूरी है सर्विस क्लियरली डिफाइन होनी चाहिए और कंपनी मिड-वे बिना कंज़्यूमर कंसेंट के चेंज न करे. हालांकि कंपनियां बड़ी चालाकी से नए ऐड ऑन प्लान्स इसी लिए लाती हैं ताकि कंप्लायंस में फंसना ना पड़े. कायदे से ये कंपनी कह सकती हैं कि उन्होंने पुराने प्लान को महंगा तो किया ही नहीं, बल्कि सिर्फ एक नया प्लान लॉन्च किया है. 

Black Mirror का Common People एपिसोड एक फिक्शनल वॉर्निंग की तरह भी है जो रियल लाइफ में हम सबके साथ हो रही है. Amanda और Mike की स्टोरी बता रही है कि अगर हम अवेयर नहीं होंगे तो हमारी लाइफ भी सब्सक्रिप्शन ट्रैप बन सकती है, जहां सर्विस नहीं, हमारी बेसिक ज़िंदगी एड-ऑन सब्सक्रिप्शन बेस्ड बन जाएगी

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