Economic Survey 2024: मंगलवार को भारत में केंद्र सरकार अपना बजट पेश करेगी, उससे पहले सरकार ने सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) को पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण एक जरूरी डॉक्यूमेंट होता है. इस दौरान भारतीय इकोनॉमी की फाइनेंशियल हेल्थ को लेखा-जोखा पेश किया जाता है. इस दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को लेकर भी जानकारी दी और बताया कि इससे रोजगार पर क्या असर पड़ सकता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया. इस दौरान AI का भी जिक्र किया और बताया कि यह नौकरियों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरेगा. इससे हर सेक्टर और हर एक स्किल लेवल के स्तर पर नौकरी की अनिश्चितता सामना करना पड़ सकता है.
इकोनॉमिक सर्वे में अनुमान लगाया है कि नए जमाने की टेक्नोलॉजी यानी AI की वजह से प्रोडक्टविटी में तो इजाफा होगा, लेकिन कुछ क्षेत्रों में रोजगार पर नेगेटिव इफेक्ट भी पड़ सकता है.
इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने से सभी स्तर की नौकरियों पर इसके प्रभाव के बारे में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. AI के चलते भविष्य में काम के तौर-तरीकों को लेकर बड़ा बदलाव होगा. यह ग्लोबल इकोनॉमी में बड़े बदलाव लाने को तैयार है.
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इकोनॉमिक सर्वे में कहा, भारत इस बदलाव से अछूता नहीं रहेगा. AI को बिजली और इंटरनेट की तरह सामान्य उद्देश वाली तकनीक के रूप में मान्यता दी है. जैसे-जैसे AI आधारित सिस्टम स्मार्ट होगा, वैसे-वैसे इसको जल्दी स्वीकार किया जाएगा.
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दुनियाभर में ChatGPT मेकर OpenAI, Google, माइक्रोसॉफ्ट और अन्य कंपनियां खुद AI तैयार कर रही हैं. कई कंपनियां तो बड़े-बड़े बिजनेस और कॉर्पोरेट के लिए AI सिस्टम तैयार कर रही हैं, ताकि कुछ काम को ऑटोमेशन पर कंप्लीट कराया जा सके, जिसमें फोन कॉल कस्टमर केयर सर्विस, कंटेंट राइटर, ट्रांसलेटर, कोडिंग, प्रोग्रामर जैसे काम शामिल हैं. आने वाले दिनों में AI और भी सेक्टर तक पहुंचेगा और उन सेक्टर के कर्मचारियों की नौकरी के लिए खतरा पैदा करेगा.