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क्या इस 'बिहारी लड़के' ने हैक कर लिया था गूगल जिससे मिल गई करोड़ों रुपये की नौकरी? जानें पूरी सच्चाई

सर्च इंजन Google में खामी खोजने वाले ऋतुराज को लेकर फेक न्यूज काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है उन्हें गूगल की ओर से करोड़ों रुपये का पैकेज मिला है. जानिए क्या है सच्चाई.

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Rituraj
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • बग या खामी खोजने पर मिलता है इनाम
  • गूगल में ऋतुराज ने खोजी थी खामी

हाल ही में बिहार के बेगूसराय के रहने वाले ऋतुराज ने दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन Google में बग या खामी का पता लगाया था. कई कंपनियां अपने ऐप या वेबसाइट में बग खोजने वाले को इनाम देती है. इसके लिए कंपनियों का बग बाउंटी प्रोग्राम होता है. 

ऋतुराज ने जब गूगल में सिक्योरिटी बग खोजा तो इसको लेकर कंपनी ने गंभीरता दिखाई. अब इसको लेकर कई फेक न्यूज काफी तेजी से वायरल होने लगी. फेक न्यूज में दावा किया गया ऋतुराज ने गूगल को ही हैक कर लिया. 

सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर लोगों ने बिना सोच-समझे इस फेक न्यूज को शेयर करना शुरू कर दिया. इस फेक न्यूज में ऐसे-ऐसे दावे कर दिए जिसे सुनने मात्र से आपकी हंसी छूट जाएगी. इसमें दावा किया गया ऋतुराज ने गूगल को हैक कर लिया जिसके बाद कंपनी उसे 3.66 करोड़ रुपये की नौकरी दे दी. 

आगे बढ़ने से पहले हमें वॉट्सऐप और फेसबुक पर मिले इस मैसेज को पढ़ें:-

फेक वायरल मैसेज
फेक वायरल मैसेज


हमारे सहयोगी लल्लनटॉप ने इस मामले की जांच के लिए ऋतुराज से बात की. उन्होंने पूरी सच्चाई बता दी. ऋतुराज ने बताया उन्होंने एक बग खोजा जो प्राइऑरिटी 2 में है. इंटरनेट पर ऐसा होता है कि कंपनियां बग या गलती खोजने वाले को इनाम देती है. गूगल में 3.36 करोड़ की सैलरी पर मिली नौकरी पर उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला है. 

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ऋतुराज

ऋतुराज ने बताया बग खोजने और हैक करने में काफी अंतर है. उन्होंने सिर्फ बग खोजा है. रातों-रात पासपोर्ट बनने वाली बात पर उन्होंने कहा उनका पासपोर्ट अभी तक बना ही नहीं है. फिलहाल गूगल ने बस ऋतुराज के नाम का मेंशन किया और इनाम नहीं दिया गया है. 

ऋतुराज को लेकर दावा किया गया वो IIT मणिपुर से पढ़ाई कर रहे हैं जबकि मणिपुर में कोई IIT नहीं है. वो मणिपुर ट्रिपल आई टी से बीटेक कर रहे हैं. उनका सपना है कि वो जर्मनी या इजरायल से आगे की पढ़ाई करें. 

एक्सपर्ट्स के अनुसार इस फेक न्यूज फैलने की सबसे बड़ी वजह भावनात्मक लगाव रही. प्रदेश का नाम ऊंचा होने की खुशी में लोग खबर को बिना वैरिफाई किए शेयर करते चले गए. 

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