कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने गूगल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल अमेरिकी टेक कंपनी गूगल पर मार्केट में कंपटीशन खत्म करने का आरोप लगता रहा है.
अमेरिका में कई बार गूगल को इसी तरह के मामले में तलब किया है और कई बार करोड़ों रुपये का जुर्माना भी लगा है. भारत में भी इससे पहले गूगल पर कंपटीशन खत्म करने का आरोप लगा है.
गौरतलब है कि भारत में गूगल के खिलाफ किया गया चौथा एंटी ट्रस्ट केस है. CCI यानी कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने इस बार एंड्रॉयड टीवी को लेकर गूगल द्वारा किए गए बिजनेस प्रैक्टिस के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
गूगल पर ये आरोप लगाया गया है कि एंड्रॉयड टीवी का लाइसेंस भारत के एंटी ट्रस्ट कानून का उल्लंघन करता है. कंपनी पर मुकदमा किया गया और अब सीसीआई ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
गूगल पर क्या हैं आरोप?
पिछले साल मई में गूगल पर कंपटीशन लॉयर्स ने केस किया था. आरोप लगाया गया कि टीवी बनाने वाली कंपनियां गूगल के साथ पार्टनर्शिप करती हैं. इसके बाद टीवी में दूसरा प्लैटफॉर्म यूज करने की इजाजत नहीं मिलती है. ये टीवी के अलावा स्मार्टफोन्स और दूसरे डिवाइसेज पर लागू होता है.
इस शिकायत में गूगल पर आरोप लगा कि गूगल द्वारा किया गया ये बर्ताव भारत के एंटी ट्रस्ट कानून का उल्लघंन करता है और इससे कंपटीशन को बढ़ने का मौका नहीं मिलता है और ये दूसरी कंपनियों पर बुरा असर डालता है.
ऑर्डर के मुताबिक ऐसा लगता है कि गूगल ने ये कहा है कि स्मार्ट टीवी इकोसिस्टम में काफी ज्यादा कंपटीशन है. हालांकि सीसीआई ने कहा है कि इस कंपटीशन को मान भी लिया जाए, तो गूगल के पास 65% मार्केट शेयर है और वो मार्केट में कंपटीशन कम करने के लिए तैयार है.
गूगल की एक दलील ये भी है कि स्मार्ट टीवी इकोसिस्टम OTT कंटेंट के हिसाब से चलता है जहां गूगल को कई कंपटीशन देने वाले मौजूद हैं.
दरअसल ज्यादातर स्मार्ट टीवी या तो गूगल के एंड्रॉयड बेस्ड टीवी ओएस पर चलते हैं या फिर कंपनियां एंड्रॉयड को कस्टमाइज करके टीवी में देती हैं. गूगल के अलावा एंटी ट्रस्ट का केस शाोमी और टीसीएल पर भी लगाया गया है.