माइक्रोसॉफ्ट दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले अपने वेब ब्राउजर इंटरनेट एक्सप्लोरर पर हुए साइबर हमले के बाद इसमें आई गड़बड़ी को दुरुस्त करने में जुटा है. एक कम्प्यूटर सिक्युरिटी फर्म ने बीते वीकेंड इस गड़बड़ी का खुलासा किया था. फर्म का कहना है कि हैकरों ने कुछ अमेरिकी कंपनियों के नेटवर्क पर साइबर हमला कर दिया था जिससे इंटरनेट एक्सप्लोर में यह दिक्कत आई है.
हालांकि, विंडोज XP पर चलने वाले कम्प्यूटरों को यह गड़बड़ी दुरुस्त करने में माइक्रोसॉफ्ट कोई मदद नहीं कर पाएगा क्योंकि 13 सालों के सफर के बाद इस महीने की शुरुआत में इसने XP को सपोर्ट करना बंद कर दिया है. सिक्युरिटी कंपनियों का अनुमान है कि दुनियाभर में करीब 15 से 25 फीसदी कम्प्यूटर आज भी विंडोज XP पर चलते हैं.
माइक्रोसॉफ्ट ने शनिवार को एडवायजरी को जारी करते हुए इस बात का खुलासा किया कि इंटरनेट एक्सप्लोरर के वर्जन 6 से 11 में यह हमला हुआ है और वो इससे आई गड़बड़ी को दुरुस्त करने में जुटा है. टेक्नोलॉजी रिसर्च फर्म 'नेटमार्केटशेयर' के मुताबिक पीसी ब्राउजर के मार्केट में इन वर्जन का दबदबा है और करीब 55 फीसदी कम्प्यूटर इस वर्जन पर काम कर रहे हैं.
एडवायजरी में माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो हैकर ऐसे गड़बड़ी वाली सिस्टम पर पूरी तरह कब्जा कर लेंगे और अपने मनमुताबिक इसके साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.
जानकारों का कहना है कि हैकरों का एक अन्य ग्रुप यह जानकारी जुटाने में जुटा है कि क्या वो माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से सिक्युरिटी अपडेट करने से पहले इसी तरह के हमले कर सकते हैं?
जानकारों ने चेतावनी दी है कि विंडोज XP यूजर्स को इस अपडेट से कोई फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट ने हाल में इस प्रोडक्ट को सपोर्ट करना बंद कर दिया है.