इन चुनावों में सोशल मीडिया की भी पांचों उंगलियां घी में हैं. प्रचार के लिए राजनीतिक दल और नेता जमकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. एसोचैम के एक अनुमान के मुताबिक, सोशल मीडिया को ऐसी कैंपेनिंग से करीब 400 करोड़ रुपये की आमदनी हो सकती है.
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी हों आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, दोनों ही समर्थकों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए ट्विटर और फेसबुक का जमकर इस्तेमाल करते हैं. राजनैतिक दल भी चुनावी मौसम में सोशल मीडिया पर अपनी बात रखना पसंद करते हैं.
चुनाव आयोग के एक अनुमान के मुताबिक, 80 करोड़ वोटरों में 60 से 70 फीसदी अब भी इंटरनेट की पहुंच में नहीं हैं. फिर भी राजनीतिक दल डिजिटल मार्केटिंग पर बहुत जोर दे रही हैं. यह सोशल मीडिया की ही चमक है कि अब लालू भी ट्वीट करने लगे हैं.
एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल, ट्विटर और फेसबुक की आमदनी भी लोकसभा चुनाव की वजह से काफी ज्यादा बढ़ सकती है क्योंकि 2009 के मुकाबले इस बार सोशल मीडिया पर भी पार्टियां काफी खर्च करने वाली हैं.
ऐसोचैम महासचिव डी एस रावत ने कहा, 'आजकल राजनीतिक दल सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में लगे हैं और इस बार चुनाव में पब्लिसिटी में 400 करोड़ रुपये तक खर्च हो सकते हैं.'