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13 मिनट में 4,000mAh की बैटरी फुल चार्ज, Vivo की नई टेक्नॉलजी

Vivo Super FlashCharge के तहत वीवो ने 13 मिनट में 4,000mAh की बैटरी को फुल चार्ज करने वाली टेक्नॉलजी पेश की है.

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Vivo Super Flash Charge
Vivo Super Flash Charge

चीनी स्मार्टफोन मेकर Vivo ने एक चौंकाने वाला लाइव डेमो दिया है. कंपनी ने Super FlashCharge टेक्नॉलजी के जरिए 120W यूज करते हुए 4,000mAh की बैटरी को सिर्फ 13 मिनट में चार्ज कर दिया. 13 मिनट में 4,000mAh की बैटरी फुल चार्ज होने अपने आप में बड़ी बात मानी जाती है. हालांकि फास्ट चार्जिंग का का कॉन्सेप्ट नया नहीं है और OnePlus ने डैश चार्जिंग और Oppo ने VOOC से भी लोगों को चौंकाया है, लेकिन ये उनसे भी काफी तेज है.

वीवो ने एक लाइव डेमो का वीडियो जारी किया है. इसमें 120W सुपर फ्लैश चार्ज टेक्नॉजी के जरिए सिर्फ 13 मिनट में 4,000mAh की बैटरी फुल चार्ज करने का दावा किया गया है.  हालांकि ये वीडियो चीनी सोशल मीडिया Weibo पर पोस्ट किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक Vivo ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि 4,000mAh की बैटरी को सिर्फ 14 सेकंड्स में 2.38% चार्ज किया गया है. इसे कंपनी ने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया है.

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गौरतलब है कि चीन की ही कंपनी Xiaomi ने 100W Super Charge Turbo टेक्नॉलजी शोकेस की थी जिसके तहत 17 मिनट में 4,000mAh की बैटरी फुल चार्ज करने का दावा किया गया. लेकिन वीवो की ये टेक्नॉलजी शाओमी से फास्ट है और यहां 4,000mAh की बैटरी 4 मिनट पहले ही चार्ज हो रही है.

Vivo ने ऐलान किया है कि कंपनी शंघाई के मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस के दौरान इसी साल अपना पहला 5G स्मार्टफोन लॉन्च करेगी. आपको बता दें कि इसकी शुरुआत 26 जून से है.  पूरी उम्मीद है कंपनी इस स्मार्टफोन में ये टेक्नॉलजी देकर मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में इसका डेमो दे सकती है.

Vivo का दावा है कि 120W चार्जिंग से सिर्फ 8 मिनट में 0 से 51% बैटरी चार्ज हो सकती है. हालांकि कंपनी ने अभी सिर्फ डेमो दिया है और इसे स्मार्टफोन में कब दिया जाएगा या फिर से कमर्शियल लॉन्च कब करेगी इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है.

आज कल कंपनियां बैटरी को तेजी से चार्ज करने की नई टेक्नॉलजी पर काम कर रही हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि बैटरी बैकअप पर कोई काम नहीं किया जा रहा है. चाहे आप 5,000mAh की बैटरी वाला स्मार्टफोन क्यों न लें, बैटरी बैकअप की समस्या होती ही है. कंपनियों को फास्ट चार्ज के साथ ही बैटरी टेक्नॉलजी पर भी काम करना चाहिए.

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