भारतीय मोटर स्पोर्ट्स जगत में हाल ही में बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब फोक्सवैगन ने जेके टायर चैम्पियनशिप छोड़कर मद्रास मोटर स्पोर्ट्स क्लब (एमएमएससी) और एमआरएफ टायर्स के समर्थन से आयोजित राष्ट्रीय रेसिंग चेम्पियनशिप से जुड़ने का फैसला किया.
जर्मनी की दिग्गज कार निर्माता फोक्सवैगन ने अपने इस फैसले पर कहा है कि यह बदलाव मोटर स्पोर्ट्स संघों के साथ तालमेल बढ़ाने के लिए लिया गया है.
भारत में फोक्सवैगन मोटरस्पोर्ट के प्रमुख शिरीष विस्सा ने कहा, ‘हम एक ग्रुप के नाते एमआरएफ के साथ पहले से जुड़े हुए हैं और स्कोडा एशिया पैसिफिक चैम्पियनशिप (एपीआरसी) कार्यक्रम के लिए कई वर्षों से साथ काम कर रहे हैं. इसके अलावा एमआरएफ ब्रिटेन में होने वाले फोक्सवैगन रेसिंग चैम्पियनशिप का टायर आपूर्तिकर्ता भी है.’
भारत से बाहर फोक्सवैगन और एमआरएफ के बीच कारोबारी साझेदारी भी है. उन्होंने कहा, ‘भविष्य में अपनी मोटर स्पोर्ट्स योजनाओं की पड़ताल करने पर यह साझेदारी काफी महत्वपूर्ण नजर आती है. यह एक छोटी शुरुआत है जिसका परिणाम काफी बड़ा होगा.’
विस्सा का कहना है कि जेके टायर के साथ छह साल की साझेदारी तोड़ने से कंपनी को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, ‘जेके के साथ साझेदारी काफी अच्छी रही. उन्हीं के कारण हम यहां तक पहुंचे हैं. यह हमारे लिए काफी बड़ा नुकसान है. लेकिन हमारी कोशिश मौजूदा स्थिति के साथ तालमेल बिठाने की है. हम नए साझीदार के साथ काफी अच्छे से काम कर रहे हैं.’
इस साल होने वाली टूरिंग कार सीरीज का आयोजन कारी मोटर स्पीडवे (कोयंबटूर) और बुद्धा अंतर्राष्ट्रीय सर्किट (ग्रेटर नोएडा) और मद्रास मोटर रेस ट्रैक (चेन्नई) में किया जाएगा.
विस्सा ने कहा, ‘इस साल पोलो कप-2015 जूनियर चैम्पियन को वेंटो कप में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. वेंटो कप के गत विजेता को इस साल 1600 ड्राइव का मौका मिलेगा.’
मोटर स्पोर्ट्स में टायर का बदलाव बड़ी बात मानी जाती है, इसलिए फोक्सवैगन पर भी इसका असर पड़ेगा.
विस्सा ने बातचीत के अंत में कहा, ‘एमआरएफ टायर्स की अलग विशेषताएं हैं. इसलिए हम कारों पर दोबारा काम कर रहे हैं.’
इनपुटः IANS