ऊर्जा मंत्रालय अगले 10 सालों में ओलंपिक के काबिल 100 खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए अपने तहत आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों के जरिए लगभग 140 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-ऑस्ट्रेलिया ऊर्जा संवाद से इतर पत्रकारों से कहा कि सरकार अच्छे एथलीट, हॉकी खिलाड़ी, जिम्नास्ट, तैराक आदि तैयार करना चाहती है. ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक उपक्रम विशेषकर कोयला कंपनियों ने इसकी जिम्मेदारी ली है. मंत्री ने निराशा जताई कि लगभग एक अरब 25 करोड़ की जनसंख्या होने के बावजूद देश अच्छे खिलाड़ी पैदा नहीं कर पाया है. उन्होंने कहा, ‘हमारा एक लक्ष्य भारतीय खेलों विशेषकर पारंपरिक भारतीय खेलों जैसे कबड्डी, खो खो और हॉकी को बढ़ावा देना है.’
गोयल ने कहा, ‘इसलिए कोल इंडिया ने कुछ साल पहले रांची में राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार किए गए 14 स्टेडियमों के नवीनीकरण और रखरखाव का जिम्मा लिया. सेंटर कोलफील्ड इनको बेहतर बनाने और रखरखाव के लिए लगभग 40 करोड़ रुपये लगाने के लिए प्रतिबद्ध है.’
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा झारखंड सरकार के साथ मिलकर हम राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना बना रहे हैं जिसमें तैराकी, तीरंदाजी, जिम्नास्टिक, एथलेटिक्स, कबड्डी, फुटबॉल, हॉकी आदि शामिल होंगे. भारत का लक्ष्य है कि अगले दस सालों में ओलंपिक में हमारे कम से कम 100 भागीदार होने चाहिए.’
भारत ने लंदन ओलंपिक 2012 में दो रजत और चार कांस्य पदक सहित कुल छह पदक जीते थे और सरकार को उम्मीद है कि ब्राजील के रियो में होने वाले ओलंपिक खेलों में पदकों की संख्या दस से अधिक पहुंचेगी.
इनपुटः भाषा