चौतरफा दबाव के आगे झुकते हुए एन श्रीनिवासन ने चेन्नई में बीसीसीआई की बैठक में एक समझौते के तहत बीसीसीआई अध्यक्ष पद से किनारा कर लिया. इसके बाद पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की वापसी हुई जो बोर्ड के वर्किंग ग्रुप में चार सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता करेंगे.
शरद पवार खेमे को धता बताने वाले फैसले में बोर्ड की कार्यसमिति ने फैसला किया कि डालमिया उसके रोजमर्रा के कामकाज का संचालन करेंगे. इससे पहले श्रीनिवासन ने कहा कि वह स्पाट फिक्सिंग मामले में जांच पूरी होने तक अध्यक्ष पद नहीं छोड़ेंगे.
सूत्रों ने कहा कि अरुण जेटली, राजीव शुक्ला और अनुराग ठाकुर जैसे प्रमुख सदस्य डालमिया के पक्ष में थे.
पवार खेमा पूर्व प्रमुख शशांक मनोहर को डालमिया की जगह चाहता था लेकिन वह भी श्रीनिवासन का इस्तीफा सुनिश्चित नहीं करा सका.
डालमिया अब संजय जगदाले की जगह तीन सदस्यीय जांच आयोग में एक नये सदस्य की नियुक्ति करेंगे. यह आयोग श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरूनाथ मयप्पन और सीएसके के खिलाफ स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच करेगा.
बोर्ड के 24 सदस्यों ने बैठक में भाग लिया लेकिन श्रीनिवासन ने कहा कि किसी ने उनसे इस्तीफे की मांग नहीं की.
पंजाब क्रिकेट संघ के अध्यक्ष आई एस बिंद्रा ने हालांकि दावा किया कि उन्होंने यह मांग की. कार्यसमिति के दो सीनियर सदस्यों ने भी कहा कि बैठक में इस्तीफा शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया. बैठक में सचिव जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के से भी इस्तीफे के फैसले पर पुनर्विचार करके बोर्ड को 24 घंटे के भीतर जवाब देने के लिये कहा गया. दोनों ने हालांकि बैठक के बाद कहा कि वे इस्तीफा वापिस नहीं लेंगे.
बीसीसीआई की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बैठक के बाद श्रीनिवासन ने घोषणा की कि जांच पूरी होने तक वह बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं करेंगे. जब तक जगमोहन डालमिया बोर्ड के रोजमर्रा के कामकाज का संचालन करेंगे.’ इसमें कहा गया कि समिति ने संजय जगदाले और अजय शिर्के पर पूरा विश्वास जताया और उनसे बोर्ड के व्यापक हित में इस्तीफा वापिस लेने का अनुरोध किया है.’
बैठक के बाद श्रीनिवासन ने कहा कि किसी ने उनसे इस्तीफे की मांग नहीं की और उन्होंने खुद अपने दामाद और फ्रेंचाइजी के खिलाफ जांच पूरी होने तक बोर्ड अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करने की पेशकश की. उन्होंने कहा कि बैठक में कोई कटुता नहीं थी.
दामाद के गिरफ्तार होने के बाद से ही श्रीनिवासन पर इस्तीफा देने के लिये दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने कहा कि खुद को अलग करके उन्होंने सही कदम उठाया है.
पवार के करीबी माने जाने वाले शिर्के ने कार्यसमिति के फैसले पर अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि उन्हें समझ में नहीं आता कि यह व्यवस्था कैसे कामयाब होगी.
पढ़ें संबंधित खबरें-
इस्तीफा देने से पहले तीन मांगें रखेंगे श्रीनिवासन
BCCI पर नियंत्रण को लेकर सरकार को नोटिस
शराब को बढ़ावा देने पर दिल्ली HC ने BCCI को दिया नोटिस
IPL का अगला मुकाबला तिहाड़ जेल बनाम आर्थर रोड जेलः कीर्ति आजाद