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... और मजाक बन गए 'फिक्सर' एस श्रीसंत

एस श्रीसंत को ऐसे तो किसी बड़े ब्रांड का विज्ञापन नहीं मिला. पर स्पॉट फिक्सिंग में फंसने के बाद उनपर कंपनियों ने विज्ञापन जरूर बना डाले.

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अगर आपका नाम हुआ तो बेहतर और आप हुए बदनाम तो सुभान अल्लाह. कुछ ऐसा ही होता है विज्ञापन की दुनिया में. विज्ञापन बनाने वाले देश-दुनिया के हर घटनाक्रम पर नजर बनाए रखते हैं. ताकि इनका इस्तेमाल टीवी या प्रिंट विज्ञापन में हो सके. अब स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण को ही ले लीजिए.

एस श्रीसंत को ऐसे तो किसी बड़े ब्रांड का विज्ञापन नहीं मिला. पर स्पॉट फिक्सिंग में फंसने के बाद उनपर कंपनियों ने विज्ञापन जरूर बना डाले. इसकी शुरुआत मशहूर ब्रांड 'अमूल' ने की.

स्पॉट फिक्सिंग में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी धरे गए. एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण के कारण उनकी टीम की साख को लगा बट्टा. और Rajasthan Royals बन गया 'Rajasthan Roya!'Rajastahn Royals

यह तो शुरुआत थी इसके बाद तो ऑनलाइन शॉपिंग ब्रांड 'Quikr' ने तो कमाल ही कर दिया.  इस ब्रांड ने मजाक ही मजाक फिक्सिंग पर आईपीएल के सभी खिलाड़ियों को नसीहत दे डाली. साथ ही श्रीसंत की क्लास लगा दी.

इस विज्ञापन की शुरुआत में एक पुलिस अधिकारी खिलाड़ियों को पैसे के लिए फिक्सिंग न करने की नसीहत तो देता है और पैसे कमाने के लिए दूसरा जरिए बताता है. फिर विज्ञापन में मौजूद दूसरे शख्स को थर्ड डिग्री टॉर्चर देने लगता है. और कहता है, तौलिया लहरा कर सिग्नल देता है....तूने बच्चों को भी बिगाड़ दिया.

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अब फिक्सिंग के दौरान सिग्नल देने के लिए मैदान पर तौलिया किसने लहराया और इन क्रिकेटरों में सीनियर कौन और जूनियर कौन, यह तो सबको पता है. फिर भी आपको जानकारी ना हो तो... एस श्रीसंत का नाम याद कर लीजिए.

कुल मिलाकर अगर आपने की हो फिक्सिंग. तो लगेगा पुलिस, कोर्ट, पूछताछ और फिर जेल का चक्कर. यानी होगी जमकर बदनामी. और इस बदनामी को भुनाएगा विज्ञापन जगत.

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