भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) क्रिकेट प्रशासकों की समिति (सीओए) से खुद को अलग कर चुके रामचंद्र गुहा के निशाने पर है. इतिहासकार गुहा ने अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़ और जहीर खान के मुद्दे पर बीसीसीआई को आड़े हाथों लिया है. उनकी प्रतिक्रिया तब आई, जब बीसीसीआई ने टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच के तौर पर भरत अरुण को हरी झंडी दे दी है.
रविवार को रामचंद्र गुहा ने ट्वीट कर कहा कि अनिल कुंबले मामले में शर्मनाक रवैये के बाद जहीर खान और राहुल द्रविड़ के प्रति यह तिरस्कार सामने आया है. कुंबले, द्रविड़ और जहीर क्रिकेट के मैदान पर वाकई महान थे, जिन्होंने अपना सब कुछ लगा दिया. वे इस सार्वजनिक अपमान के योग्य नहीं थे.
Kumble, Dravid and Zaheer were true greats of the game who gave it all on the field. They did not deserve this public humiliation.
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) July 16, 2017
दरअसल, बीसीसीआई ने रवि शास्त्री को कोच बनाने के साथ यह भी घोषणा की थी कि जहीर खान टीम के गेंदबाजी कोच होंगे, जबकि राहुल द्रविड़ विदेशों दौरों पर बल्लेबाजी कोच होंगे. लेकिन इसके बाद बीसीसीआई ने अपने कदम पीछे खींच लिए. नया बयान जारी कर कहा कि सपोर्ट स्टाफ के मुद्दे पर कोच रवि शास्त्री के कहने पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
इससे पहले बीसीसीआई की प्रशासक कमेटी (सीओए) के सदस्य पद से इस्तीफा देने के बाद रामचंद्र गुहा की एक चिट्ठी सामने आई थी. सीओए के प्रमुख विनोद राय को भेजे गए अपने पत्र में उन्होंने बीसीसीआई सीईओ (राहुल जोहरी) और बीसीसीआई पदाधिकारियों (अमिताभ चौधरी) का कोहली-कुंबले के बीच मतभेदों के मामले से 'बेहद असंवेदनशील और गैर-पेशेवर तरीके' से निबटने पर नाराजगी जाहिर की थी.