सचिन तेंदुलकर के करियर के आखिरी टेस्ट मैच के लिए मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम पूरी तरह तैयार है. गुरुवार से शुरू होने वाले मैच से एक दिन पहले यहां हर ओर जश्न का माहौल है. भारत और वेस्टइंडीज की टीमों के साथ-साथ खुद सचिन भी जश्न के इस माहौल में अपने करियर के 200वें टेस्ट में कुछ खास करने के लिए कृतसंकल्प दिखाई दे रहे हैं.
दो वर्ष पहले सचिन ने इसी वानखेड़े स्टेडियम में अपने युवा साथियों के साथ विश्वकप-2011 खिताब जीता था. वह क्षण टीम के साथ-साथ क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी काफी भावनात्मक था. अब वानखेड़े को शायद अपने इतिहास के सबसे भावनात्मक क्षण से रू-ब-रू होना होगा, क्योंकि उसका सबसे बड़ा स्टार अब सक्रिय क्रिकेट में दोबारा कभी नहीं दिखेगा.
सचिन कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेले गए अपने करियर के 199वें टेस्ट मैच में कुछ खास नहीं कर सके. मैच की पहली पारी में वह सिर्फ 10 रन बना सके जबकि दूसरी पारी खेलने की नौबत ही नहीं आई. भारत ने वह टेस्ट मैच पारी और 51 रनों से जीता था. इसी कारण सचिन को दूसरी पारी में बल्लेबाजी का अवसर नहीं मिल सका था.
कैरेबियाई टीम भी चाहती है कि सचिन वानखेड़े में बेहतरीन पारी खेलें. वेस्टइंडीज टीम के कप्तान डारेन सैमी ने बुधवार को कहा कि विदाई श्रृंखला के मद्देनजर सचिन को जो सम्मान और प्यार मिल रहा है, वह उसके हकदार हैं. सैमी के मुताबिक वह चाहेंगे कि सचिन अंतिम टेस्ट में सैकड़ा जड़ें.
सैमी ने कहा, 'हम चाहेंगे कि सचिन इस महान पल को खास बनाएं. वह शतक लगाएं, लेकिन साथ ही मैं यह भी चाहूंगा कि हमारे सबसे सीनियर बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल अपना 150वां टेस्ट खेलते हुए कम से कम 150 रन जरूर बनाएं.'
दूसरी ओर, भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि वह तथा टीम का हर एक सदस्य चाहता है कि सचिन अपने करियर के अंतिम टेस्ट मैच का जमकर लुत्फ लें. धोनी ने हालांकि कहा कि वह 200वें टेस्ट मैच में सचिन की सफलता की गारंटी नहीं दे सकते.
धोनी ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि सचिन अपने खेल का लुत्फ लें. हम उनकी सफलता की गारंटी नहीं दे सकते. हम चाहेंगे कि वह खेल का लुत्फ लें.'
सचिन के अंतिम टेस्ट मैच को लेकर चर्चा के केंद्र में कई और खिलाड़ी हैं लेकिन हर बार चर्चा सचिन पर ही आकर रुक जाती है. सचिन ने बुधवार को अपने बेटे अर्जुन के साथ भी अभ्यास किया. जाहिर है, अर्जुन भी चाहते हैं कि उनके पिता अपने अंतिम टेस्ट मैच को यागदार बनाएं.
वानखेड़े में सचिन का प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड तो बेहतरीन रहा है, लेकिन जहां तक टेस्ट मैचों की बात है तो वह औरों से पीछे नजर आते हैं. सचिन ने यहां 33 प्रथम श्रेणी मैचों में 3534 रन बनाए हैं. वानखेड़े पर उनका सर्वोच्च योग 233 नाबाद रहा है, लेकिन 10 टेस्ट मैचों में वह यहां सिर्फ 847 रन जुटा सके हैं. इस मैदान पर सचिन का सर्वोच्च टेस्ट स्कोर 148 (श्रीलंका के खिलाफ, 1996-97) रहा है.
सचिन ने अपनी बीमार मां रजनी तेंदुलकर के लिए अपने करियर का आखिरी टेस्ट मुंबई में खेलने का फैसला किया. फैसला क्या, सचिन ने इसके लिए बीसीसीआई से अनुरोध किया था, जिसे न स्वीकारने का सवाल ही नहीं था.
सचिन को भावभीनी विदाई देने के लिए वानखेड़े स्टेडियम तैयार है. इस मैच के लिए एमसीए ने अपनी तरह से तैयारी की है. एमसीए ने वानखेड़े स्टेडियम में सचिन के सभी 51 टेस्ट शतकों का पोस्टर लगाया है.
स्टेडियम के बाहरी हिस्से में सचिन को वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले एवं उनके अन्य महान समकालीन खिलाड़ियों के साथ पोस्टर के माध्यम से दिखाया जाएगा.
भावनात्मक रूप से सभी पोस्टर काफी सराहनीय हैं. इनके जरिए लोगों को पता चल सकेगा कि सचिन का अपने समकालीन महान खिलाड़ियों के साथ किस तरह का रिश्ता रहा है. खास बात यह है कि इनमें से कई तस्वीरें पहले कभी नहीं देखी गई हैं.