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टीम इंडिया में वीरेंद्र सहवाग की वापसी के दरवाजे बंद!

एक मशहूर कव्वाली के बोल हैं, 'चढ़ता सूरज धीरे-धीरे ढलता है ढल जाएगा...' क्या ये लाइन अब टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग पर सटीक बैठने लगा है? क्या टीम इंडिया में अब वीरू की वापसी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं? ये सवाल जितना वीरू को परेशान कर रहे हैं, उतना ही उनके प्रशंसकों को भी.

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वीरेंद्र सहवाग
वीरेंद्र सहवाग

एक मशहूर कव्वाली के बोल हैं, 'चढ़ता सूरज धीरे-धीरे ढलता है ढल जाएगा...' क्या ये लाइन अब टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग पर सटीक बैठने लगा है? क्या टीम इंडिया में अब वीरू की वापसी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं? ये सवाल जितना वीरू को परेशान कर रहे हैं, उतना ही उनके प्रशंसकों को भी.

अपनी आतिशी और साहसी पारियों के लिए दुनिया भर में लाखों क्रिकेट प्रेमियों की दिल की धड़कन बने नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग का करियर अब हाशिये पर जाता दिखाई देने लगा है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले टी-ट्वेंटी और पहले तीन वनडे मैचों के लिए घोषित टीम में एक बार फिर वीरू का नाम शामिल नहीं है.

हालांकि सवाल ये भी उठता है कि अगर सहवाग का चयन होता भी तो किस बुनियाद पर? 2012 से लगातार उनके फॉर्म में गिरावट ही दर्ज की गई है, वीरू ने 2012 में दस वनडे मैचों में महज 21.70 के मामूली औसत से 217 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक शामिल था. वहीं अगर बात 2013 की करें तो, उन्होंने सिर्फ एक वनडे खेला और पारी को 31 रनों से आगे नहीं ले जा सके.

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हाल ही में खत्म हुई चैलेंजर ट्रॉफी में सहवाग ने मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन वहां भी वीरू फेल रहे और तीन मैचों में महज 72 रन बना पाए, जो कि चयनकर्ताओं को प्रभावित करने के लिए नाकाफी था. वैसे भी कप्तान एम एस धोनी टी-ट्वेंटी और वनडे में अब शिखर धवन के साथ रोहित शर्मा से पारी की शुरुआत कराने के पक्ष में हैं, जबकि मिडिल ऑर्डर में विराट कोहली, सुरेश रैना, युवराज सिंह, धोनी और जडेजा के रहते सहवाग की जगह नहीं बनती. तो क्या वनडे क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले सहवाग की वापसी अब नामुमकिन सी हो गई है?

हालांकि टेस्ट टीम में वापसी के लिए सहवाग के पास एक मौका जरूर है. वेस्टइंडीज ए के खिलाफ होने वाले दो अनऑफिशियल टेस्ट मैचों में वे भारत-ए की तरफ से खेलेंगे और अगर यहां पर वे दमदार प्रदर्शन कर पाने में कामयाब रहते हैं तो चयनकर्ताओं पर दबाव जरूर बनेगा, लेकिन इसे विडम्बना नहीं तो और क्या कहेंगे कि बावजूद इसके भी वीरू की राह आसन नहीं रहेगी, क्योंकि जब ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध भारत ने अपनी अंतिम टेस्ट सीरीज खेली थी, उस समय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और मुरली विजय दोनों शानदार फॉर्म में थे और उनको पीछे धकेलकर टीम में जगह बनाना वीरू के लिए आसान नहीं होगा.

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तो क्या हम मानकर चलें कि वो सहवाग जिसके डर से दुनिया भर के गेंदबाज थर-थर कांपते थे, वो सहवाग जिसके लिए सर विवियन रिचर्ड्स ने कहा था कि वे सहवाग का खेल देखने के लिए पैसे तक खर्च करने को तैयार हैं, वो सहवाग जिसने एक समय सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों की चमक धुंधली कर दी थी, वो सहवाग जिसने भारतीय क्रिकेट को एक नया आयाम दिया, क्या उनके सितारे अब गर्दिश में चले गए हैं?

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