बर्मिंघम में खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में इंग्लैंड को 5 रन से हराकर भारत ने चैंपिसंय ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया है. टीम इंडिया के 129 रन के जवाब में इंग्लैंड की पूरी टीम निर्धारित 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 124 रन ही बना सकी. रविंद्र जडेजा को उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. उन्हें टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के लिए गोल्डन बॉल से भी नवाजा गया. सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को लगातार अच्छे परफॉर्मेंस के लिए मैन ऑफ द सीरीज और गोल्डन बैट से नवाजा गया.
विराट कोहली ने 34 गेंद में 4 चौकों और 1 छक्के की मदद से 43 रन की पारी खेलने के अलावा रवींद्र जडेजा (25 गेंद में नाबाद 33) के साथ 5.3 ओवर में 47 रन की साझेदारी करके टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. ये दोनों उस समय क्रीज पर उतरे, जब टीम 66 रन पर 5 विकेट गंवाने के बाद संकट में थी. इन दोनों के अलावा सिर्फ सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (31) ही दोहरे अंक तक पहुंच पाए. टीम इंडिया एजबेस्टन की नम पिच पर तेजी से रन बटोरने में नाकाम रही.
इंग्लैंड की ओर से रवि बोपारा ने 20 रन देकर 3 विकेट चटकाए. जेम्स एंडरसन, जेम्स ट्रेडवेल और स्टुअर्ट ब्राड ने किफायती गेंदबाजी करते हुए क्रमश: 24, 25 और 26 रन देकर 1-1 विकेट हासिल किया.
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के क्रीज पर उतरने से विराट कोहली और रविंद्र जडेजा की जुझारू पारी के बाद रविचंद्रन अश्विन और जडेजा की फिरकी के जादू से भारत ने बारिश से प्रभावित आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के 20 ओवर के फाइनल में इंग्लैंड को पांच रन से हराकर एक बार फिर वनडे क्रिकेट में अपनी बादशाहत साबित की.
दुनिया की नंबर एक टीम भारत ने कोहली (34 गेंद में 43 रन) और जडेजा (25 गेंद में नाबाद 33) के बीच 5.3 ओवर में छठे विकेट की 47 रन की साझेदारी से सात विकेट पर 129 रन का स्कोर खड़ा किया. विश्व चैंपियन भारत ने इसके बाद अश्विन (15 रन पर दो विकेट) और जडेजा (24 रन पर दो विकेट) की बलखाती गेंदों की बदौलत इंग्लैंड को आठ विकेट पर 124 रन के स्कोर पर रोककर मेजबान टीम को पहली बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट जीतने से वंचित कर दिया.
इयोन मोर्गन (33) और रवि बोपारा (30) ने पांचवें विकेट के लिए 64 रन जोड़कर इंग्लैंड को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया था लेकिन इशांत शर्मा (36 रन पर दो विकेट) ने इन दोनों को लगातार गेंदों पर पवेलियन भेज दिया जो मैच का निर्णायक पल साबित हुआ.
वर्ष 2011 में विश्व चैंपियन बना भारत इस तरह ऑस्ट्रेलिया के बाद पहली टीम बना जिसने विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी लगातार जीते. भारत इससे पहले 2002 में श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता रहा था.
दूसरी तरफ इंग्लैंड को 2004 की तरह इस बार भी फाइनल में हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड को 2004 में भी उसकी सरजमीं पर ही वेस्टइंडीज ने फाइनल में हराया था. इंग्लैंड 50 ओवर के विश्व कप के फाइनल में भी तीन बार शिकस्त खा चुका है.
लक्ष्य का पीछा करने उतरे इंग्लैंड ने दूसरे ओवर में ही कप्तान एलिस्टेयर कुक (02) का विकेट गंवा दिया जिन्होंने उमेश यादव की गेंद पर स्लिप में अश्विन को कैच थमाया. जोनाथन ट्रॉट लय में दिख रहे थे. उन्होंने आते ही भुवनेश्वर कुमार पर दो चौके मारे. महेंद्र सिंह धोनी ने छठे ओवर में गेंद अश्विन को थमाई और ट्रॉट दूसरी गेंद को ही आगे बढ़कर खेलने की कोशिश में चूक गए और भारतीय कप्तान ने स्टंप करने में कोई गलती नहीं की. ट्रॉट ने 17 गेंद में 20 रन बनाए.अश्विन ने अपने अगले ओवर में जो रूट (07) को इशांत शर्मा के हाथों कैच कराके इंग्लैंड का स्कोर तीन विकेट पर 40 रन किया.
सलामी बल्लेबाज इयान बेल ने जडेजा पर चौका जड़ा लेकिन अगली गेंद पर उनका पैर हल्का सा हवा में उठा और धोनी ने चपलता दिखाते हुए उनके स्टंप उखाड़ दिए. बेल को तीसरे अंपायर ने आउट दिया लेकिन टीवी रीप्ले में कुछ भी बेहद साफ तौर पर नहीं दिख रहा था. उन्होंने 16 गेंद में 13 रन बनाए. मोर्गन और बोपारा ने इसके बाद विकेट के पतन पर विराम लगाया. दोनों ने 8.5 ओवर तक भारतीय गेंदबाजों को सफलता से महरूम रखा. मोर्गन ने इशांत पर चौका जबकि बोपारा ने छक्का जड़ा.
इंग्लैंड को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 48 रन की दरकार थी. बोपारा ने इसके बाद जडेजा जबकि मोर्गन ने इशांत पर छक्का जड़कर रन और गेंद के अंतर को कम किया. इशांत ने हालांकि मोर्गन और बोपारा को लगातार गेंदों पर पवेलियन भेजकर भारत को जोरदार वापसी दिलाई. दोनों कैच अश्विन ने लपके. मोर्गन ने 30 गेंद का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का मारा, जबकि बोपारा ने 25 गेंद में दो छक्के जड़े.
इंग्लैंड को अंतिम दो ओवर में 19 रन की जरूरत थी. जडेजा ने इसके बाद जोस बटलर (0) को बोल्ड किया, जबकि टिम ब्रेसनैन (2) रन आउट हो गए. जिससे इंग्लैंड को अंतिम ओवर में 15 रन चाहिए थे. अश्विन ने हालांकि इस ओवर में सिर्फ नौ रन खर्च करके भारत को जीत दिला दी.
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के क्रीज पर उतरने से पहले ही बारिश आ गई. इसके बाद मैच साढ़े छह घंटे से भी अधिक के विलंब के बाद शुरू हुआ जिसके कारण इसे 20-20 ओवर का कर दिया गया.
टूर्नामेंट के चार मैचों में कम से कम अर्धशतकीय साझेदारी करने वाली शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी फाइनल में नाकाम रही. रोहित 14 गेंद में सिर्फ नौ रन बनाने के बाद स्टुअर्ट ब्राड की गेंद पर बोल्ड हुए. भारत पावरप्ले के चार ओवर में एक विकेट पर 19 रन ही बना सका.
धवन ने ब्राड की शार्ट गेंद को थर्ड मैन बाउंड्री पर छह रन के लिए भेजा लेकिन इस बीच पहले 5.4 ओवर और फिर 6.2 ओवर के बाद बारिश आ गई. दूसरी बार बारिश आने पर खेल एक घंटे से अधिक समय तक रोकना पड़ा. बारिश के विलंब के बाद खेल दोबारा शुरू हुआ तो धवन ने स्पिनर ट्रेडवेल पर लगातार दो चौके मारे लेकिन अगले ओवर में बोपारा की गेंद इसी स्पिनर को कैच दे बैठे. उन्होंने 24 गेंद में दो चौके और एक छक्के की मदद से 31 रन बनाए.
दिनेश कार्तिक भी 11 गेंद में छह रन बनाने के बाद ट्रेडवेल की गेंद को हवा में लहरा गए और इयोन मोर्गन ने आसान कैच लपका. सुरेश रैना (1) और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (0) बोपारा की गेंद पर गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर पवेलियन लौटे, जिससे भारत का स्कोर 13वें ओवर में पांच विकेट पर 66 रन हो गया.
कोहली और जडेजा ने 18वें ओवर में भारत के रनों का सैकड़ा पूरा किया. जडेजा ने एंडरसन पर छक्का जड़ा लेकिन कोहली एक गेंद बाद बोपारा को कैच देकर पवेलियन लौटे. उन्होंने 34 गेंद की अपनी पारी में चार चौके और एक छक्का मारा.
जडेजा ने इसके बाद एंडरसन पर चौका और फिर अंतिम ओवर में ब्रेसनैन पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 130 रन के करीब पहुंचाया. उन्होंने 25 गेंद का सामना करते हुए दो छक्के और दो चौके मारे. भारत ने अंतिम चार ओवर में 43 रन जोड़े.
इंग्लैंड की ओर से रवि बोपारा ने 20 रन देकर तीन विकेट चटकाए. जेम्स एंडरसन, जेम्स ट्रेडवेल और स्टुअर्ट ब्राड ने किफायती गेंदबाजी करते हुए क्रमश: 24, 25 और 26 रन देकर एक-एक विकेट हासिल किया.
टीमें इस प्रकार हैं:
भारत: महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), रविचंद्रन अश्विन, शिखर धवन, रविंद्र जडेजा, दिनेश कार्तिक, विराट कोहली, भुवनेश्वर कुमार, सुरेश रैना, इशांत शर्मा, रोहित शर्मा और उमेश यादव.
इंग्लैंड: एलिस्टेयर कुक (कप्तान), रवि बोपारा, स्टुअर्ट ब्रॉड, जो रूट, जेम्स ट्रेडवेल, जेम्स एंडरसन, इयान बेल, टिम ब्रेसनैन, जोस बटलर, इयोन मोर्गन और जोनाथन ट्राट.