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सचिन के आखिरी टेस्ट के जादुई पलों को बयां करती नई किताब

सचिन तेंदुलकर के आखिरी टेस्ट से जुड़े तमाम जज्बात और रोमांच को बयां करती एक नई किताब में उन ढाई दिनों का बखूबी वर्णन किया गया है. लेखक पत्रकार दिलीप डिसूजा की किताब 'फाइनल टेस्ट: एक्जिट सचिन तेंदुलकर' में वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले साल नवंबर में खेले गए तेंदुलकर के आखिरी टेस्ट का वर्णन है.

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सचिन तेंदुलकर के आखिरी टेस्ट से जुड़े तमाम जज्बात और रोमांच को बयां करती एक नई किताब में उन ढाई दिनों का बखूबी वर्णन किया गया है. लेखक पत्रकार दिलीप डिसूजा की किताब 'फाइनल टेस्ट: एक्जिट सचिन तेंदुलकर' में वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले साल नवंबर में खेले गए तेंदुलकर के आखिरी टेस्ट का वर्णन है. इसके अलावा मैदान के भीतर और बाहर के मसलों को भी इसमें उठाया गया है.

लेखक ने उन ढाई दिनों में उमड़े जज्बात के तूफान और भारतीय क्रिकेट के चहेते सपूत पर लोगों के प्यार की बौछार को लेखनीबद्ध किया है. उन्होंने लिखा है, 'सचिन जब सीढ़‍ियों से उतरकर मैदान की तरफ बढ़ते हैं तो लोगों की प्रतिक्रिया को शब्दों में बयां करना मुश्किल था. हम सभी जानते थे कि यह पल बहुत बड़ा होगा लेकिन फिर भी मैंने इतने शोर की कल्पना नहीं की थी कि पूरा आकाश गुंजायमान हो जाए.

उन्होंने कहा, यह देश के महान खिलाड़ी को किया जा रहा सजदा था. भारत ने वह मैच 126 रन से जीता था और तेंदुलकर ने 74 रन बनाए. लेखक ने कहा, 'क्या तेंदुलकर इस तरह से खेल को अलविदा कह सकते थे. आखिरी टेस्ट में उनके प्रशंसक मैदान पर उनकी एक आखिरी झलक पाने की होड़ में थे. यदि वह ऐसी पारी नहीं खेलते तो सभी को निराशा होती.

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उन्होंने कहा, 'अपने आखिरी टेस्ट का स्थान और समय भले ही उन्होंने खुद चुना हो लेकिन किस तरीके से वह संन्यास लेंगे, यह उन्होंने तय नहीं किया था.' अंजलि तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह इसकी आदी हो गई हैं कि उनके पति पहले भारत के हैं, फिर उनके और परिवार के.

(-पीटीआई से इनपुट)

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