ऑल इंडिया बैडमिन्टन एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश दास गुप्ता का कहना है कि आईबीएल में हुई नीलामी में यदि फ्रेंचाईजी द्धारा किसी बैडमिन्टन खिलाड़ी को उसके बेस प्राइस से कम कीमत में खरीदा गया है, तो बैडमिन्टन एसोसिएशन या गवरमेंट बॉडी इसमें कुछ नहीं कर सकती है.
अखिलेश दास ने कहा कि ये फ्रेंचाईजी की मर्जी है कि वो किस खिलाड़ी को खरीदते हैं, किसको नहीं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि फ्रेचाईजियों ने बैडमिन्टन को प्रमोट करने के लिए पैसे लगाये हैं तो हमें उनके इंटरेस्ट को भी देखना होगा. गौरतलब है कि ‘इंडियन बैडमिन्टन लीग’ नीलामी में लीग की आइकॉन खिलाड़ी व भारतीय बैडमिन्टन स्टार ज्वाला गुट्टा और अश्वनी पोपट ने अपने बेस प्राइस से कम कीमत पर खरीदे जाने पर नाराजगी जतायी थी.
अखिलेश दास गुप्ता कहते हैं, ‘पहली बात तो यह कि कम्पनशेट जैसा शब्द हैं ही नहीं, हम शुरू से कह रहे है कि 50 हजार जो बेस प्राइस था वो देंगे. अब फ्रेंचाइजी किसी वजह से उनको नहीं लेना चाह रहे थे तो हमारे पास दो ही ऑप्शन थे या तो वो लीग में खेलें या न खेलें. हमारे जो स्टार प्लेयर हैं हम चाहते हैं कि वो खेलें और 50 हजार बेस प्राइस उनको मिल रहा है. अब फेन्चाइजी को न बीएआई फोर्स कर सकती है और न ही कोई गवर्निंग बॉडी फोर्स कर सकती है. फ्रेंचाइजी हमारे साथ आने वाले कई वर्षों तक हैं. हमारे पार्टनर हैं इनको प्रमोट करने के लिए उन्होंने पैसे लगाये हैं. वे बैडमिंटन के लिए आगे आये हैं, तो हमें उनके भी इंटरेस्ट को देखना है. उनकी बात को भी मानना है.’
उन्होंने जानकारी दी कि खिलाड़ियों को जो साढ़े नौ करोड़ बंटे हैं उसमें से साढ़े छह करोड़ से ज्यादा हमारे हिंदुस्तानी खिलाड़ियों को मिले हैं. 17 साल की पीवी सिंधु को अस्सी लाख मिले हैं. ऐसा नहीं है, फ्रेंचाइजी की मर्जी है अश्वनी व ज्वाला को भी ले सकते थे. हम दो खिलाड़ियों की वजह से सारे खिलाड़ियों को दांव पर नहीं रख सकते. बैडमिंटन में तौफिक हिदायत को 15000 में खरीदा गया, जबकि वो वर्ल्ड चैंम्पियन रहे हैं. दो बार के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट हैं.