मिल्खा सिंह और मैरी कॉम जैसे खिलाड़ियों पर फिल्मों के बीच भारतीय फुटबॉल के पोस्टर ब्वॉय बाईचुंग भूटिया भी चाहते हैं कि अगर उनकी जिंदगी पर कोई फिल्म बने तो रणबीर कपूर उनका किरदार निभाये.
‘भाग मिल्खा भाग’ में फरहान अख्तर ने मिल्खा सिंह की भूमिका निभाई थी जबकि प्रियंका चोपड़ा आगामी फिल्म ‘मैरी कॉम’ में पांच बार की वर्ल्ड चैम्पियन मुक्केबाज की भूमिका निभा रही है.
खेल लेखक मोहम्मद अमीनुल इस्लाम द्वारा लिखी नई किताब ‘बियोंड द गोल: द आफिशियल बायोग्राफी आफ बाईचुंग भूटिया’ में भूटिया ने बताया है कि वह ऋषि कपूर और मिथुन चक्रवर्ती के बड़े प्रशंसक थे.
लेखक ने कहा, ‘जब रणबीर के पिता ऋषि कपूर की ‘कर्ज’ आई थी तब बाईचुंग चार साल का था और उनके डांस की नकल करता था. बाद में वह आमिर खान का प्रशंसक हो गया लेकिन ऋषि कपूर की संगीतमय फिल्मों से वह हमेशा प्रभावित रहा. मिथुन चक्रवर्ती के डांस का भी वह प्रशंसक था.’
जब भूटिया ने लपका मार्टिन क्रो जैसा कैच
इसके अलावा स्कूल के दिनों में भूटिया की असाधारण प्रतिभा का जिक्र भी किताब में किया गया है. मसलन मार्टिन क्रो ने भले ही डेव हॉटन का अविश्वसनीय कैच लपककर 1987 वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे को न्यूजीलैंड पर अप्रत्याशित जीत दर्ज करने से रोक दिया हो लेकिन भूटिया उससे प्रभावित नहीं हुए और अपने शिक्षक से शर्त लगाने के बाद उन्होंने दो अद्भुत कैच लपके.
उस समय भारतीय फुटबॉल स्टार भूटिया 11 बरस के थे और गंगटोक के मशहूर पब्लिक स्कूल टीएनए में पढ़ते थे. भूटिया के बायोलाजी टीचर लियोनार्ड उर्फ लेनी सर ने कहा, ‘यह 10 अक्तूबर 1987 की बात है जब हम आडियो विजुअल रूम में न्यूजीलैंड और जिम्बाब्वे का मैच देख रहे थे.’ न्यूजीलैंड के 242 रन के स्कोर के जवाब में हॉटन ने जिम्बाब्वे की ओर से अकेले मोर्चा संभाला. जिम्बाब्वे को आखिरी ओवर में छह रन चाहिये थे लेकिन क्रो ने बेहतरीन कैच लपककर उनकी पारी का अंत किया और जिम्बाब्वे चार रन से हार गया.
क्रो के कैच लेते ही लेनी चिल्लाने लगे, ‘ग्रेट कैच. ग्रेट कैच.’ लेकिन भूटिया ने कहा, ‘सर, इस कैच में ऐसी भी कोई खास बात नहीं थी.’ उसने कहा कि वह भी ऐसा कर सकता है. अगले दिन भूटिया, उसके दोस्त और लेनी क्रिकेट मैदान पर इकट्ठा हुए. लेनी ने कहा, ‘मैंने उसे 15 गज की दूरी पर खड़े होने को कहा क्योंकि मैं उसके सिर के ऊपर 35 से 40 गज की ऊंचाई पर शॉट खेलने वाला था. मैंने कहा कि उसे पीछे की ओर दौड़कर कैच लपकना है. उसने ऐसा ही किया.’
इस घटना और ऐसी कई घटनाओं का जिक्र किताब में यह भी लिखा है कि बाईचुंग का असली नाम युगेन सांगे है और उन्होंने एक दशक पहल ईस्ट बंगाल के पूर्व कोच सुभाष भौमिक के साथ बंगाली फिल्म ‘कुहासा’ में छोटी सी भूमिका निभाई थी.