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लार्डस पर ‘जर्सी घुमाने’ की घटना पर गर्व नहीं है गांगुली को

इंग्लैंड के खिलाफ एक दशक पहले नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में भारत की जीत के बाद सौरव गांगुली की लार्डस क्रिकेट मैदान की बालकनी पर जर्सी घुमाने की घटना को याद कर भले ही प्रशंसक आज भी आनंदित होते हों लेकिन वह खुद इस घटना से थोड़े शर्मिंदा हैं.

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सौरव गांगुली
सौरव गांगुली

इंग्लैंड के खिलाफ एक दशक पहले नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में भारत की जीत के बाद सौरव गांगुली की लार्डस क्रिकेट मैदान की बालकनी पर जर्सी घुमाने की घटना को याद कर भले ही प्रशंसक आज भी आनंदित होते हों लेकिन वह खुद इस घटना से थोड़े शर्मिंदा हैं.

गांगुली ने चौथे दिलीप सरदेसाई मेमोरियल व्याख्यान के बाद कहा, ‘आप जिंदगी में गलतियां करते हो. मैं व्यक्तिगत रूप से इसका लुत्फ नहीं उठाता हूं. जब चैनल बार बार टीवी पर इस फुटेज को दिखाते रहते हैं तो मुझे अच्छा नहीं लगता. मैंने इतने शतक लगाये हैं, टीवी पर उन्हें दिखाया जाना चाहिए.’

भारत ने जुलाई 2002 में इंग्लैंड द्वारा पांच विकेट पर 325 रन के असंभव लक्ष्य को तीन गेंद और दो विकेट रहते ही हासिल कर लिया था, जिसमें युवा मोहम्मद कैफ (नाबाद 87 रन) और युवराज सिंह (69) ने मैच का रूख बदलने वाली 121 रन की साझेदारी निभायी थी.

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