खेल मंत्री अजय माकन ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति डाउ कैमिकल को लंदन ओलंपिक खेलों के प्रायोजकों की सूची से हटाने से इंकार कर देती है तो भारत इन खेलों का बहिष्कार करेगा या नहीं यह फैसला करने में खिलाड़ियों की भूमिका अहम होगी.
माकन ने कहा कि वह खिलाड़ियों के दिमाग में कोई भ्रम पैदा नहीं करना चाहते और इसलिए इन खेलों का बहिष्कार करने या नहीं करने का फैसला उचित समय आने पर किया जाएगा.
खेल मंत्री ने कहा, ‘खिलाड़ियों के दिमाग में कोई भ्रम नहीं है. अगर हम खिलाड़ियों से सलाह मशविरा शुरू कर दें तो क्या हम भ्रम पैदा नहीं करेंगे. इसमें खिलाड़ियों की भूमिका काफी अहम है.’
उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी क्या महसूस करते हैं, इसकी हमारे फैसले में अहम भूमिका होगी. हम जो फैसला करते हैं उस पर इसका असर पड़ेगा.’
यह पूछने पर कि तब सरकार क्या करेगी अगर आईओसी अंतत: डाउ कैमिकल को प्रायोजकों की सूची से हटाने से इंकार कर देगा, माकन ने कहा, ‘यह मुश्किल सवाल है, बिलकुल काल्पनिक. हमने अब तक इस पर फैसला नहीं किया है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास योजना है लेकिन अभी योजना का खुलासा क्यों करें.’ माकन ने जोर देकर कहा कि सरकार ने अभी फैसला नहीं किया है कि भारतीय अधिकारी खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह का बहिष्कार करेंगे या नहीं.
उन्होंने कहा, ‘हमने अब तक इस पर फैसला नहीं किया है. मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता. हम इस मुद्दे पर भोपाल के लोगों और साथ ही खिलाड़ियों की भावनाओं को भी ध्यान में रखेंगे.’
खेल मंत्री ने कहा, ‘हम इन दोनों में से एक का चयन नहीं करना चाहते. जहां तक तैयारियों का सवाल है तो हमारी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. हमने ट्रेनिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ कोचों और सर्वश्रेष्ठ जगहों को चुना है.’
यह पूछने पर कि क्या भारत खेलों का बहिष्कार करेगा, माकन ने कहा, ‘मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता. मुझे अब भी उम्मीद है कि हम समाधान ढूंढने में सफल रहेंगे.’
माकन ने कहा कि अगर डाउ को प्रायोजक के रूप में नहीं हटाया गया तो इसका मतलब होगा कि ओलंपिक भावना पर नहीं चला गया.