बेलारूस की तीसरी वरीय विक्टोरिया अजारेंका ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के महिला एकल फाइनल में मारिया शारापोवा को सीधे सेटों में हराकर अपना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीता जिससे वह दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी भी बन गयी.
अजारेंका ने 2008 की चैम्पियन शारापोवा को 82 मिनट में 6-3, 6-0 से शिकस्त देकर ट्राफी हासिल की और वह लगातार पहली बार महिला ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली चौथी खिलाड़ी भी बनी.
अजारेंका ने कहा, ‘मैं अगले साल यहां खेलने का इंतजार नहीं कर सकती. आस्ट्रेलिया में मेरा शानदार प्रदर्शन रहा. यह सपना सच होना है.’ इस तीसरी वरीय खिलाड़ी ने पहले सेट में 0-2 से पिछड़ने के बाद वापसी करत हुए अगले 13 में से 12 गेम जीते.
शारापोवा ने 30 सहज गलतियां की जबकि अजारेंका ने त्रुटिहीन टेनिस का प्रदर्शन करते हुए दो सेट में केवल 12 चूक की.
शारापोवा ने कहा, ‘किसी भी खेल में आपके कुछ अच्छे दिन होते हैं तो कुछ दिन कठिन भी होते हैं. कुछ ऐसे दिन भी होते हैं जिसमें चीजें आपके हिसाब से नहीं होती. विक्टोरिया ने आज अच्छा खेल दिखाया.’
शारापोवा ने कहा, ‘आखिर में यह अंतिम दो खिलाड़ियों के बीच रहता है. ड्रा में सभी खिलाड़ियों के बीच विजेता को सब कुछ मिल जाता है. मैंने यहां शानदार जीत दर्ज की है और मैं यहां कड़े मुकाबले में हारी भी हूं लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि मैं वापसी करूंगी.’ अजारेंका ने टास जीतकर सर्विस करने का फैसला किया लेकिन उनकी शुरूआती काफी नर्वस रही और उन्होंने दो डबल फाल्ट की और पहला गेम गंवा दिया.
शारापोवा ने पहले सेट में 2-0 की बढ़त बना ली, इसके बाद अजारेंका ने नियंत्रण बनाना शुरू किया.
बाईस वर्षीय अजारेंका ने चौथे गेम और आठवें गेम में सर्विस ब्रेक कर पहला सेट अपने नाम किया. अजारेंका ने दूसरे सेट में भी शारापोवा की सर्विस तोड़कर 15-40 से वापसी की और फिर 2-0 से बढ़त बना ली.
इसके बाद शारापोवा काफी निराश हो गयी और हताशा में तीन बार की ग्रैंडस्लैम विजेता अपने कोच थामस होग्स्टेड को देखने लगी. अजारेंका ने पूरा नियंत्रण बनाया हुआ था और दो बार शारापोवा की सर्विस तोड़ दूसरे सेट में 5-0 से आगे हो गयी.
बेलारूस की अजारेंका ने ब्रेक प्वाइंट बचाया और फिर शारापोवा के बैकहैंड शाट के नेट में गिरने के बाद घुटनों के बल गिरकर खुशी का जश्न मनाने लगी. अजारेंका ने 2005 में यहां बालिका एकल खिताब जीता था और वह ओपन युग में आस्ट्रेलियाई ओपन में जूनियर और सीनियर खिताब जीतने वाली तीसरी महिला खिलाड़ी बन गयी हैं. इससे पहले इवोनी गूलागोंग कावले और क्रिस ओनील यह कारनामा कर चुकी हैं.