27 जुलाई 1969 को पैदा हुए रोड्स ने 1992 से लेकर 2003 तक साउथ अफ्रीका के लिए 52 टेस्ट और 245 वनडे मैच खेले.
रोड्स क्रिकेट के साथ ही हॉकी के भी जबरदस्त प्लेयर थे. उन्हें 1992 और 1996 ओलंपिक के लिए द. अफ्रीका की नेशनल हॉकी टीम में चुना गया था लेकिन 1992 में द. अफ्रीका क्वालीफाई नहीं कर पाया और 1996 में रोड्स ने क्रिकेट प्रतिबद्धताओं के चलते हॉकी टीम को ना बोल दिया.
रोड्स ने अपना टेस्ट डेब्यू इंडियन टीम के खिलाफ किंग्समीड के मैदान पर किया था. जबकि उनका वनडे डेब्यू मैच सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था जो कि 1992 आईसीसी वर्ल्ड कप में द. अफ्रीका का भी पहला ही मैच था.
इसी वर्ल्ड कप के पांचवें मैच में रोड्स चर्चा में आ गए जब उन्होंने पाकिस्तान के इंजमाम उल हक को बैकवर्ड प्वाइंट से पहले भागकर और फिर लगभग उड़कर रन आउट किया.
14 नवंबर 1993 को रोड्स ने मुंबई के ऐतिहासिक ब्रेबोर्न स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच में पांच कैच लपके थे जो कि विकेटकीपर के अलावा किसी भी फील्डर द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा कैच का वर्ल्ड रिकॉर्ड है.
1999 में रोड्स को विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयर चुना गया. क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद रोड्स ने स्टैंडर्ड बैंक में अकाउंट एग्जीक्यूटिव के रूप में भी काम किया है.
रोड्स ने दक्षिण अफ्रीकी टीम के फील्डिंग कोच के रूप में काम किया है इसके अलावा उन्होंने केन्या क्रिकेट टीम के कोच के रूप में भी काम किया है. मौजूदा समय में जोंट्स आईपीएल की टीम मुंबई इंडियंस के फील्डिंग कोच हैं.
2013 में साउथ अफ्रीका टूरिज्म ने उन्हें भारत के लिए अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाया. क्रिकेट वर्ल्डकप 2015 में उन्होंने पीटीवी स्पोर्ट्स तथा yahoo.com के लिए क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में काम किया.
जोंट्स भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता से इतने प्रभावित हैं कि उन्होंने 24 अप्रैल 2015 को मुंबई में पैदा हुई अपनी बेटी का नाम इंडिया रख दिया.
क्रिकेट में एक कहावत है catches win matches और जोंटी इसके पर्याय थे. भारतीय क्रिकेट में भी जोंटी रोड्स जैसे कई फील्डर्स हुए हैं.
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