भारतीय फुटबॉल के महान खिलाड़ियों में शुमार सुभाष भौमिक ने 71 साल की उम्र में शनिवार सुबह अंतिम सांस ली. सुभाष भौमिक डायबिटीज और किडनी संबधी बीमारियों से जूझ रहे थे. सुभाष भौमिक भारतीय फुटबॉल में महान खिलाड़ियों में शुमार थे.
सुभाष भौमिक 1970 के एशियन गेम्स की कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्य रहे हैं. सुभाष भौमिक को कोविड 19 संक्रमित हो जाने के बाद उन्हें कोलकाता के एकबलपुर के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था.
उनका पिछले साढ़े तीन महीने से इलाज चल रहा था. भौमिक के परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सुभाष भौमिक ने शनिवार की सुबह अपनी अंतिम सांस ली. वह गुर्दे से संबंधित बीमारी से पीड़ित थे और पिछले कुछ दिनों से गंभीर थे. भौमिक भारतीय फुटबॉल की गोल्डेन जेनेरेशन के खिलाड़ी थे.
सुभाष भौमिक ने ईस्ट बंगाल और मोहनबगान दोनों के लिए खेल चुके हैं. खेल प्रेमी उन्हें भारतीय फुटबॉल के बेहतरीन फॉरवर्ड खिलाड़ी के रूप में याद रखेंगे. भारतीय टीम के एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतने में सुभाष भौमिक ने अहम भूमिका निभाई थी.
भारतीय टीम के लिए बतौर स्ट्राइकर खेलने वाले सुभाष भौमिक ने 10 साल तक बतौर खिलाड़ी फुटबॉल खेला. इसके बाद उन्होंने कई भारतीय फुटबॉल क्लब को कोचिंग भी दी. भौमिक ने 1979 में बतौर खिलाड़ी अपना फुटबॉल करियर खत्म करने वाले भौमिक ने साल 1999 में एक साल के लिए ईस्ट बंगाल के साथ अपने कोचिंग करियर की शुरुआत की.
जिसके बाद साल 2002 से 2005 के बीच में फिर से ईस्ट बंगाल से जुड़े. जिसके बाद उन्होंने मोहम्मडन, मोहन बागान, चर्चिल ब्रदर्स को कोचिंग दी. फुटबॉलर सुभाष भौमिक ने बतौर कोच और बतौर खिलाड़ी काफी शानदार काम किया है. कई हस्तियों ने सुभाष भौमिक की मौत के बाद श्रद्धांजलि अर्पित की है.