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Lawn bowls Indian Women's team: 'लोग कहते थे चेहरा देखकर सेलेक्शन हुआ', इंटरव्यू में रो पड़ीं कॉमनवेल्थ की गोल्डन गर्ल

इस साल बर्मिंघम में हुए 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने कुल 61 मेडल हासिल किए जिसमें 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल शामिल रहे. इस बार गोल्ड जीतने वाली भारत की महिला लॉन बॉल टीम की खिलाड़ियों ने अपना दर्द बयां किया. एक इंटरव्यू में लवली और रूपा रानी रोने लगीं और बताया कि उन्हें काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ीं.

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Lawn bowls Indian Women's team (Twitter)
Lawn bowls Indian Women's team (Twitter)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत ने इस बार CWG में कुल 61 मेडल जीते
  • महिला लॉन बॉल टीम ने गोल्ड मेडल जीता

Lawn bowls Indian Women's team: इस साल इंग्लैंड के बर्मिंघम में हुए 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. इस बार देश ने कुल 61 मेडल हासिल किए जिसमें 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल शामिल रहे.

इस बार सबसे ज्यादा प्रभावित जिसने किया, वह भारत की लॉन बॉल टीम रही. 4 सदस्यीय वाली महिला टीम ने दमदार प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया. जबकि पुरुष टीम ने सिल्वर मेडल दिलाया. महिला टीम में लवली चौबे, रूपा रानी टिर्की, पिंकी और नयनमोनी साकिया थीं.

कॉमनवेल्थ गेम्स के करीब एक हफ्ते बाद महिला टीम ने एक इंटरव्यू में अपना दर्द बयां किया. पुरानी संघर्ष के दिनों की बातें याद कर महिला खिलाड़ी रो पड़ीं. इस दौरान रोते हुए लवली चौबे ने बताया कि उन्हें यहां तक पहुंचने में लोगों के काफी ताने सुनने पड़े. लोग कहते थे कि चेहरा देखकर उनका सेलेक्शन हुआ है. जबकि रूपा रानी ने कहा कि हमने जो ताने सुने हैं, उन्हें शब्दों में बयान नहीं कर सकते.

'हम मेडल लेकर नहीं आते तो....'

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दरअसल, महिला लॉन बॉल टीम की यह प्लेयर यूट्यूब चैनल 'टेबल टॉक विथ जो' पर बात कर रही थीं. इसी दौरान रूपा रानी ने कहा, 'हम चारों प्लेयर अलग-अलग खेल से थे. मगर जब चारों एक जगह आए, तो देश के लिए गोल्ड मेडल जीता.'

इसके बाद रूपा रानी रोने लगीं और रोते हुए कहा, 'हमने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत आलोचनाएं झेली हैं. इन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. यदि हम मेडल लेकर नहीं आते, तो शायद हमारे गेम को अगले लेवल तक नहीं ले जाया जाता.'

'चेहरा देखकर तो वो मेडल नहीं देते ना'

इसी बीच लवली की आंखों से आंसू आ गए और उन्होंने कहा, 'हमें तो यहां तक कहा गया कि हमारा चेहरा देखकर सेलेक्शन हुआ है. हमारे अंदर कुछ था, तभी आज हम मेडल लेकर आए. हमारा चेहरा देखकर तो वो मेडल नहीं देते ना.'

कौन हैं चारों महिला लॉन बॉल प्लेयर?

42 साल की लवली चौबे झारखंड के रांची से आती हैं. वह अभी झारखंड पुलिस में कॉन्स्टेबल हैं. वहीं, असम के गोलाघाट में जन्मीं नयनमोनी साकिया एक किसान की बेटी हैं. 2011 से ही नयनमोनी असम के फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में नौकरी करती हैं.

दिल्ली में जन्मी पिंकी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्पोर्ट्स डिग्री हासिल की है. वह दिल्ली के ही एक स्कूल में बतौर फिजिकल एजुकेशन टीचर के तौर पर काम करती हैं. वहीं, झारखंड के रांची से ताल्लुक रखने वालीं रूपा राज्य सरकार में जिला स्पोर्ट्स ऑफिसर हैं. वह भारत के लिए तीन कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले चुकी हैं.

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