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पुजारा की आलोचना करने वालों को सचिन तेंदुलकर का करारा जवाब- हर उंगली की भूमिका अलग होती है

सचिन तेंदुलकर का मानना है कि चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी शैली भारतीय टीम की सफलता का अभिन्न अंग है और ऐसे लोग उनकी आलोचना करते हैं, जिन्होंने उनके समान देश के लिए उपलब्धियां अर्जित नहीं की हैं.

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चेतेश्वर पुजारा और सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो)
चेतेश्वर पुजारा और सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुजारा की बल्लेबाजी शैली भारतीय टीम की सफलता का अभिन्न अंग: सचिन
  • 'पुजारा ने भारत के लिए जो किया वह मुझे बहुत पसंद है'

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी शैली भारतीय टीम की सफलता का अभिन्न अंग है और ऐसे लोग उनकी आलोचना करते हैं, जिन्होंने उनके समान देश के लिए उपलब्धियां अर्जित नहीं की हैं. ऑस्ट्रेलिया में दमदार प्रयास के बावजूद पुजारा को अक्सर इस आलोचना का सामना करना पड़ता है कि वह स्कोरबोर्ड को चलायमान रखने के लिए वह जज्बा नहीं दिखाते हैं.

तेंदुलकर ने पीटीआई से कहा कि पुजारा को लेकर यह दृष्टिकोण गलत है. उन्होंने इसके साथ ही साउथैम्पटन में 18 जून से न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल से पहले कई मुद्दों पर बात की.

तेंदुलकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए जो हासिल किया है, उसकी हमें सराहना करनी चाहिए. यह हमेशा स्ट्राइक-रेट के बारे में नहीं होता है. टेस्ट क्रिकेट में आपको अपनी टीम में फिट होने के लिए अलग तरह की योजना और विभिन्न प्रकार के खिलाड़ियों की जरूरत होती है.’

उन्होंने कहा, ‘यह आपके हाथों में पांच उंगलियों की तरह है. प्रत्येक उंगली की एक अलग भूमिका होती है और पुजारा हमारी टीम का अभिन्न अंग हैं. पुजारा ने भारत के लिए जो किया वह मुझे बहुत पसंद है. उनकी हर पारी को परखने की जगह, उन्होंने भारत के लिए जो किया है हमें उसकी सराहना करनी चाहिए.’

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘जो लोग उनकी तकनीक और रन बनाने की क्षमता पर सवाल उठाते है, मुझे नहीं लगता कि उन लोगों ने पुजारा जितना शीर्ष स्तर का क्रिकेट खेला है.’

तेंदुलकर को लगता है कि टी20 के कारण लोगों का नजरिया बदल गया है, जहां केवल एक ही कौशल की सराहना की जाती है और वह है गेंद को मैदान से बाहर मारने की.

उन्होंने थोड़ा कटाक्ष भरे लहजे में कहा, ‘आज के टी20 के दौर में शायद अगर कोई गेंद को हिट कर सकता है तो उसे एक अच्छा खिलाड़ी माना जाता है.’

'जरूरी नहीं बड़ा शॉट लगाने वाला टेस्ट का अच्छा खिलाड़ी हो'

उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी नहीं है कि वह (बड़ा शॉट लगाने वाला) एक अच्छा टेस्ट खिलाड़ी हो. टेस्ट क्रिकेट में आपको गेंद को हिट करने और बड़े शॉट खेलने की कोशिश करने से कहीं अधिक करने की आवश्यकता होती है.’

जो लोग टेस्ट में स्ट्राइक रेट को लेकर चिंतित हैं, उनके लिए तेंदुलकर ने कहा कि भारत के पास आक्रमक अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले बहुत सारे खिलाड़ी हैं.

उन्होंने कहा, ‘स्ट्राइक रेट के लिए हमारे पास ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी हैं. वे कभी भी स्ट्राइक रेट बढ़ा सकते हैं. लेकिन जब विरोधी टीम को थकाने की बात आती है तो वहां आपको अपनी रणनीति पर अमल करने के लिए योजना और दूरदर्शिता की जरूरत होती है, उसके लिए आपको एक चेतेश्वर की जरूरत होती है.’

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विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए टीम संयोजन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि साउथैम्पटन में पिच से ज्यादा मदद नहीं होने पर भी रविचंद्रन अश्विन और जडेजा दोनों प्रभावी हो सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘मेरे हिसाब से संभावना तीन तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों के खेलने की है क्योंकि दोनों (अश्विन और जडेजा) बल्लेबाजी कर सकते हैं. आखिर में टीम प्रबंधन विकेट (पिच) को देखकर यह फैसला करना होगा.’

जब उनसे पूछा गया कि अगर मैच के चौथे और पांचवें दिन स्पिनरों को ज्यादा मदद नहीं मिली तो क्या होगा, तेंदुलकर ने कहा, ‘विकेट से मदद नहीं मिलने पर भी शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन सीधी गेंदों से भी बहुत सारे विकेट चटकाते थे, ऐसे में सीधी गेंद भी एक विकल्प है.’

उन्होंने कहा कि सीधी गेंद से भी बल्लेबाल भ्रमित होते है क्योंकि उन्हें बल्लेबाज हमेशा स्पिन के लिए खेलने की कोशिश करते समय दुविधा में रहते हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 34,000 से ज्यादा रन बनाने वाले तेंदुलकर का मानना हैं कि अश्विन और जडेजा दोनों को इंग्लैंड के ठंडे मौसम और हवा की स्थिति का फायदा उठाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड में स्पिनर हवा से भी मदद हासिल कर सकता है. अगर गेंद की चमक बरकरार रही तो वह दोनों तरफ घूम सकती है.’ उन्होंने सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शुभमन गिल को भी सुझाव दिए.

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उन्होंने कहा, ‘दोनों को बल्ले को अपने शरीर के करीब रख कर खेलना होगा. शॉट खेलने के लिए बल्ला उठाते समय आपके हाथों को आपके शरीर के जितना संभव हो उतना करीब होना चाहिए.’

तेंदुलकर ने कहा कि दोनों टीमों की गेंदबाजी में एक जैसी मजबूती है, लेकिन इंग्लैंड में डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले दो टेस्ट मैच खेलने के कारण न्यूजीलैंड की टीम बेहतर स्थिति में होगी.

उन्होंने कहा, ‘न्यूजीलैंड की गेंदबाजी में विविधता है. टिम साउदी दाएं हाथ के बल्लेबाजों से गेंद को बाहर की तरफ निकालते है तो वही ट्रेंट बोल्ट गेंद को अंदर की तरफ लाते हैं. काइल जेमिसन तेजी से टप्पा खिलाते हैं तो नील वैगनर शॉट पिच गेंदों का शानदार इस्तेमाल करते हैं.’

 

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