भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने ऋद्धिमान साहा और ऋषभ पंत को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि टीम से बाहर किया जाना यानी रिजेक्ट होना हर किसी के लिए स्वीकार करना आसान नहीं होता है. हालांकि यह समझना होगा कि ऋषभ पंत ने टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है.
दिनेश कार्तिक ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) रिव्यू में कहा कि पंत ने टीम में अपनी जगह बना ली है. वहीं, दूसरे विकल्प के तौर पर टीम मैनेजमेंट ने युवा खिलाड़ी पर भरोसा जताया है. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि टीम इंडिया कहां जा रही है. वह स्पष्ट तौर पर भविष्य की ओर देख रहे हैं.
रिजेक्शन स्वीकार करना मुश्किल होता है
कार्तिक ने कहा, 'जहां भी मैंने साहा का इंटरव्यू देखा है, मुझे पूरा विश्वास है कि वह यह समझते हैं कि यह फैसला कहां से आया है. मैं जानता हूं कि किसी भी क्रिकेटर से यह कह दिया जाए कि आप छोड़ दीजिए, वह यह स्वीकार नहीं कर पाएगा. यह बहुत ही मुश्किल होता है, क्योंकि आप हर दिन इसी से जुड़े हैं. '
धोनी की तरह पंत ने भी एंट्री की है
उन्होंने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि हम देश के लिए खेलें. यही इच्छा हर किसी की होती है, इसलिए जब कोई आकर यह कहता है कि मेरे हिसाब से आपका समय खत्म हो गया है. तब इस चीज को निगलना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, यह सब समझ में आता है और आपको भी यह समझना होगा कि सेलेक्टर्स, कोच और कप्तान किस दिशा में जा रहे हैं.
दिनेश कार्तिक ने कहा साहा दुनिया के बेस्ट विकेटकीपर्स में से हैं. मैं भी यही मानता हूं. हालांकि, यह समझना होगा कि कुछ साल पहले जिस तरह से महेंद्र सिंह धोनी ने एंट्री की थी, ठीक उसी तरह ऋषभ पंत ने भी अपनी जगह बनाई है. वह अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं.'
... क्या है पूरा मामला
दरअसल, श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज के लिए ऋद्धिमान साहा को भारतीय टीम में जगह नहीं मिली है. इसके बाद उन्होंने खुलासा किया था कि कोच राहुल द्रविड़ ने उन्हें संन्यास लेने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने उन्हें यह आश्वासन दिया था कि उनके रहते टीम में जगह बनी रहेगी. इन सभी खुलासों के बाद बीसीसीआई ने साहा पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है.