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BCCI की मनाही, बिजी शेड्यूल... विदेशी लीग में क्यों नहीं खेलते भारतीय खिलाड़ी?

टीम इंडिया से बाहर चल रहे संजू सैमसन को आयरलैंड ने अपने देश के लिए क्रिकेट खेलने का ऑफर दिया है. ये तो नेशनल टीम से मिले ऑफर की बात हुई, लेकिन अगर विदेशों में होने वाली लीग्स को देखें तब भी भारत के खिलाड़ी इनमें हिस्सा नहीं लेते हैं. एक तरफ दुनियाभर के क्रिकेटर्स आईपीएल में आते हैं, जबकि भारतीय प्लेयर्स के बाहर खेलने पर मनाही है ऐसा क्यों है, जानिए...

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संजू सैमसन को आयरलैंड से मिला ऑफर
संजू सैमसन को आयरलैंड से मिला ऑफर

टीम इंडिया में मौकों का इंतज़ार कर रहे विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को आयरलैंड क्रिकेट ने अपनी ओर से खेलने का प्रपोज़ल दिया है. संजू सैमसन को लगातार टीम इंडिया के लूप में तो रहते हैं लेकिन उन्हें निरंतर चांस नहीं मिलता है, ऐसे में इस तरह का ऑफर आना कई सवाल भी खड़े करता है. लेकिन संजू सैमसन को मिले नेशनल टीम से खेलने के ऑफर से अलग हटकर देखें तो कोई भारतीय प्लेयर विदेशी लीग में क्रिकेट खेलता हुआ नहीं दिखता है, ऐसा इसलिए क्योंकि BCCI ने इसपर रोक लगाई हुई है. 

विदेशी लीग में नहीं खेलते भारतीय प्लेयर
भारत ने दुनिया को इंडियन प्रीमियर लीग जैसी दुनिया की सबसे महंगी और बड़ी प्रोफेशनल टी-20 लीग दी, जहां दुनियाभर के बड़े सितारे आकर खेलते हैं. आईपीएल में खेलने से कई इंटरनेशनल प्लेयर्स को उनके करियर में फायदा हुआ, साथ ही उन्हें भारत में खेलने का अनुभव भी मिला. जब टीम इंडिया के  खिलाड़ी विदेशी धरती पर जाते हैं और फेल होते हैं, तब यह सवाल उठता है कि हमारे खिलाड़ी विदेशी लीग में क्यों नहीं खेलते हैं. 

ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग, साउथ अफ्रीका की टी-20 लीग, बांग्लादेश की बांग्लादेश प्रीमियर लीग, श्रीलंका की श्रीलंका प्रीमियर लीग, वेस्टइंडीज़ में होने वाली कैरिबियाई प्रीमियर लीग समेत ना जाने कितनी लीग इस वक्त दुनिया में खेली जा रही हैं, लेकिन टीम इंडिया का कोई भी सितारा इसमें हिस्सा नहीं लेता है. 

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क्यों विदेशी लीग में शामिल नहीं होते हैं इंडियन प्लेयर?

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने ही भारतीय प्लेयर्स के विदेशी लीग में खेलने पर बैन लगाया है. इसमें मुख्य कारण बताया गया है कि टीम इंडिया के प्लेयर्स का शेड्यूल वैसे ही बिजी रहता है, ऐसे में अगर खिलाड़ी बाहर खेलेंगे तो ओवर एक्सपोज़र होगा और साथ ही चोट लगने का खतर बरकरार रहेगा. 

टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ से हाल ही में जब इस तरह का सवाल हुआ था, तब उन्होंने इसका एक और कारण भी बताया था. राहुल द्रविड़ ने कहा था कि अगर आप भारतीय खिलाड़ियों को बाहर की लीग में खेलने का मौका देंगे, तो सीजन के बीच में अक्सर खिलाड़ी इन लीग का हिस्सा बन रहे होंगे. क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों की दुनियाभर में जिस तरह की डिमांड है, उससे लीग इन्हें शामिल करने को आतुर रहेंगी. 

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राहुल द्रविड़ ने साथ ही बताया कि अगर ऐसा होता है तो इसका असर भारत के घरेलू क्रिकेट पर भी पड़ेगा, क्योंकि सीजन के बीच में खिलाड़ी यहां रणजी ट्रॉफी या अन्य घरेलू टूर्नामेंट ना खेलकर बाहर की लीग खेल रहे होंगे. ऐसे में टीम इंडिया के खिलाड़ियों का इस तरह बाहर खेलना मुश्किल नज़र आता है. 

हालांकि, बीसीसीआई द्वारा महिला क्रिकेटर्स को विदेशी लीग में खेलने का मौका दिया गया है. स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, शेफाली वर्मा समेत कई बड़ी स्टार्स ऑस्ट्रेलिया की महिला बिग बैश लीग, इंग्लैंड की द हंड्रेड समेत अन्य टी-20 लीग में खेलती हैं. इसके अलावा कुछ पुरुष प्लेयर्स ने भारतीय क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास लेकर विदेशी लीग में खेलना शुरू किया है, जिनमें उन्मुक्त चंद, सुरेश रैना जैसे नाम भी शामिल हैं.
 

 

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