भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर कोच और कप्तान के बीच विवाद का जिन्न बाहर आ गया है. कप्तान विराट कोहली से मनमुटाव के बाद अनिल कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया. अब टीम बिना कोच के ही वेस्टइंडीज़ दौरे पर गई है. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब कोच और कप्तान में विवाद हुआ हो. सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल का किस्सा तो सभी को याद है, लेकिन क्या आप जानते हैं जब सचिन तेंदुलकर कप्तान थे तब भी उनके कोच कपिल देव से विवाद हुआ था.
अपनी किताब ‘प्लेइंग इट माइ वे’ में सचिन ने कपिल से अपनी नाखुशी का जिक्र किया था. सचिन ने किताब में दावा किया था कि 2000 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर वह कपिल देव के व्यवहार से निराश थे. सचिन ने लिखा था कि कपिल कभी खुद को टीम के रणनीतिक फैसलों में शामिल नहीं करते थे. किताब के एक चैप्टर Tumultuous Times: India in Australia, November 1999-January 2000 में सचिन ने लिखा, मेरी कपिल देव से बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं. बतौर कप्तान वह मेरा दूसरा कार्यकाल था और कपिल हमारे कोच थे. वह भारत के सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक होने के अलावा दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर भी थे.
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सचिन ने लिखा, मेरा हमेशा मानना रहा है कि कोच का पद टीम में बेहद अहम होता है और वह टीम की रणनीति तय वालों में शामिल थे. सचिन ने लिखा था कि कपिल देव की सोच थी कि टीम को कप्तान के हवाले करना चाहिए और कोच को रणनीति बनाने में हिस्सेदार नहीं बनना चाहिए. जिसका असर उनकी कप्तानी पर भी पड़ा. इनमें 1997 शारजाह सीरीज में रॉबिन सिंह को 3 नंबर पर भेजना, मेरा खुद 4 नंबर पर बल्लेबाजी करना.
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आपको बता दें कि लगातार हो रहे विवाद के बाद अनिल कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया था, उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था. हालांकि विराट कोहली ने बाद में कहा कि वह कुंबले के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ड्रेसिंग रुम की बात बाहर नहीं करेंगे.