एडिलेड की उछाल भरी पिच पर जहां बाकी भारतीय बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे, वहीं श्रेयस अय्यर ने अपने पुराने अंदाज में खेल की धारा बदल दी. 77 गेंदों पर 61 रनों की उनकी पारी न केवल अर्धशतक थी, बल्कि यह साबित करती है कि अनुभव, तकनीक और आत्मविश्वास मिलकर किसी भी चुनौती को मात दे सकते हैं.
भले ही टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा वनडे सीरीज में हार चुकी हो, अय्यर ने अपने खेल से यह संदेश दिया कि वह सीमित ओवरों के क्रिकेट में फिर से पूरी ताकत के साथ लौट चुके हैं.
पुरानी तकनीक, नया आत्मविश्वास
श्रेयस अय्यर ने अपने बचपन की बल्लेबाजी शैली (upright stance) को फिर से अपनाया है. उनका मानना है कि इससे उन्हें उछाल और गति का बेहतर सामना करने में मदद मिली है.
30 साल के अय्यर ने कहा, 'पिछले साल से मैं ऐसी परिस्थितियों के लिए सीधा स्टांस आजमाने की कोशिश कर रहा था, जहां गेंद अपेक्षा से ज्यादा उछलती है. मैंने अपने कोच के साथ मिलकर इस पर काम किया और महसूस किया कि यही तरीका मेरे स्वभाव के अनुकूल है. बचपन में भी मैं इसी तरह बल्लेबाज़ी करता था, इसलिए मैंने सोचा- क्यों न उसी पर लौट जाऊं.'
घरेलू क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय तक एक ही स्टांस
अय्यर ने इस तकनीक को पहले घरेलू क्रिकेट और ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ के खिलाफ सीरीज में आज़माया था. अब वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उसी स्टांस के साथ बल्लेबाजी कर रहे हैं और नतीजे खुद बयां कर रहे हैं. एडिलेड में जहां बाकी भारतीय बल्लेबाज़ जूझ रहे थे, वहीं अय्यर ने धैर्य और संतुलन से पारी को संभाला.
क्रिकेट में स्टांस (Stance) उस बल्लेबाज़ की बल्लेबाजी की प्रारंभिक स्थिति को कहते हैं, जिसमें वह गेंदबाज की गेंद आने से पहले खुद को तैयार करता है. स्टांस बल्लेबाज की संतुलन, दृष्टि और खेल की शैली तय करता है और यह कई प्रकार के शॉट खेलने में मदद करता है.
चोटों ने सिखाया शरीर की सुनना
पीठ की चोटों से परेशान अय्यर ने महसूस किया कि टेस्ट क्रिकेट में लंबी फील्डिंग और लगातार ओवरों की थकान उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर रही है. इसलिए उन्होंने बीसीसीआई से 6 महीने का ब्रेक लेकर रेड-बॉल क्रिकेट से दूरी बनाई.
उन्होंने ईमानदारी से कहा, 'आईपीएल के बाद जब मैंने रेड-बॉल मैच खेले, तो महसूस हुआ कि मेरी तीव्रता लंबे समय तक बरकरार नहीं रह पा रही. टेस्ट क्रिकेट में हर सत्र में 100% ऊर्जा चाहिए, जो फिलहाल मेरे शरीर से नहीं निकल पा रही थी.'
वनडे और आत्मविश्वास दोनों की वापसी
चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद अय्यर ने आईपीएल, कुछ फर्स्ट-क्लास मैच और फिर भारत ‘ए’ की कप्तानी करते हुए खेल में लय पाई. अब वह सीमित ओवरों की क्रिकेट पर फोकस कर रहे हैं, जहां पुराना स्टांस और नई मानसिकता, दोनों ही उन्हें मजबूती दे रहे हैं.
एडिलेड की 61 रनों की पारी सिर्फ रन नहीं, बल्कि एक संदेश थी- श्रेयस अय्यर फिर से तैयार हैं, उसी पुराने अंदाज में, लेकिन नए इरादों के साथ, भले ही टीम इंडिया ने इस सीरीज में चुनौती स्वीकार की हो.