Prasidh's performance hints at bare bench strength: मौजूदा दक्षिण अफ्रीका दौरे के पहले टेस्ट के दौरान टीम इंडिया की गेंदबाजी ज्यादा असर नहीं डाल सकी. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में खेले गए शुरुआती टेस्ट के दूसरे और तीसरे दिन जब डीन एल्गर, डेविड बेडिंघम और मार्को जानसेन भारतीय गेंदबाज शार्दुल ठाकुर और डेब्यू करने वाले प्रसिद्ध कृष्णा की गेंदों को धुन रहे थे, तो मोहम्मद शमी की बहुत ज्यादा कमी महसूस हुई थी.
ऐसे में कहा जा सकता है कि कुछ समय के लिए प्रसिद्ध कृष्णा का यह पहला और आखिरी टेस्ट रहेगा. अगले टेस्ट में रवींद्र जडेजा और आवेश खान को उनकी और शार्दुल की जगह अंतिम एकादश में रखा जाएगा.
बॉलरों की दूसरी खेप पूरी तरह तैयार नहीं
इससे भारतीय खेल प्रेमियों को भी पता चल गया कि लाल गेंद के गेंदबाजों की दूसरी खेप अब तक पूरी तरह तैयार नहीं है, जिससे जसप्रीत बुमराह, शमी, मोहम्मद सिराज, ईशांत शर्मा और उमेश यादव के दबदबे वाले दिन खत्म हो सकते हैं. ईशांत और उमेश का टेस्ट करियर अनधिकृत रूप से खत्म हो गया है और शमी भी अपने करियर के समापन की ओर हैं.
सच है... शमी के बिना बुमराह अधूरे हैं
यह सच है कि शमी के बिना बुमराह अधूरे हैं और बुमराह के बिना शमी भी अधूरे हैं. सिराज इस त्रिकोण का तीसरा कोण हैं. शमी की चोट से वाकिफ बंगाल टीम में उनके पूर्व साथी ने पीटीआई से कहा, ‘शमी को बाईं एड़ी की पुरानी समस्या है. काफी लोग नहीं जानते कि विश्व कप के दौरान उन्होंने नियमित रूप से इंजेक्शन लिये थे और वह दर्द के साथ ही पूरे टूर्नामेंट में खेला था.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन आपको समझना चाहिए कि जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, हर हल्की या बड़ी चोट से उबरने में ज्यादा समय लगता है.’
... भारतीय खेमे में घबराहट बनी हुई है
प्रसिद्ध कृष्णा के लचर प्रदर्शन से भारतीय खेमे में खतरे की घंटी बजा दी है. रोहित शर्मा ने बेंगलुरू के इस गेंदबाज का समर्थन किया जैसा कोई भी कप्तान सार्वजनिक रूप से करेगा. लेकिन भारत-ए के लिए 5 विकेट झटकने के बाद आवेश खान को जिस तरह से टीम प्रबंधन ने बुलाया, उससे साफ संकेत मिलता है कि घबराहट बनी हुई है.
'बेचारा प्रसिद्ध..! टेस्ट के लिए तैयार ही नहीं'
एक पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज ने पीटीआई से कहा, ‘बेचारा प्रसिद्ध, वह टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार ही नहीं है. उसमें दूसरे और तीसरे स्पेल में गेंदबाजी करने का कौशल ही नहीं है. वे उसे ले गए, लेकिन भूल गए कि उसने रणजी ट्रफी का पूरा सीजन अंतिम दफा कब खेला था? महज एक भारत-ए मैच काफी नहीं होता.’
उन्होंने यह भी कहा कि आवेश खान को शामिल करने से भी ज्यादा अंतर पैदा नहीं होगा, जब तक कि उसे लंबे समय तक नहीं खिलाया जाता.
इस गेंदबाज ने कहा, ‘भारत की तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी के साथ समस्या यही है कि उनमें बुमराह, शमी, ईशांत और सिराज जैसा उत्साह और आत्मविश्वास नहीं है.’
आवेश लगातार लाल गेंद का क्रिकेट खेल रहे
उन्होंने कहा, ‘आवेश भी प्रसिद्ध जैसा ही गेंदबाज है, लेकिन वह नियमित रूप से लाल गेंद का क्रिकेट खेलता है. इसलिए वह बेहतर लेंथ पर गेंदबाजी कर सकता है. नवदीप सैनी छह साल से अब भी भारत-ए के लिए खेल रहे हैं. इससे ही कहानी बयां हो जाती है.’