टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली न सिर्फ अपनी कप्तानी से, बल्कि अपनी बल्लेबाजी से लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं. उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि उनकी बल्लेबाजी पिछले एक-दो साल में काफी निखरी है. गुरुवनार को चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जीत हासिल करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा,'अगर पिछले एक-दो साल में मेरी बल्लेबाजी में काफी मजबूती आई है, तो इसमें दो लोगों का बड़ा हाथ है.'
रघु की गेंदों के कायल हैं टीम इंडिया के कप्तान
28 वर्षीय विराट ने संजय बांगड़ और रघु का नाम लेते हुए कहा, 'एक बल्लेबाज की सफलता से पर्दे के पीछे उसके लिए काम करने वालों का ज्यादा तवज्जो नहीं मिलती. लेकिन मैं मानता हूं कि खासकर रघु ने मुझे 140 किमी की रफ्तार की गेदों पर प्रैक्टिस कराकर मेरी बल्लेबाजी को बहुत मजबूत कर दिया है.' संजय बांगड़ टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच हैं. लेकिन रघु के बारे में कम ही लोगों को पता होगा.
कौन हैं ये रघु?
दरअसल, रघु नाम से पुकारे जाने वाला शख्स राघवींद्र हैं. रघु भारतीय टीम के साथ एक खास मकसद से जुड़े हैं. वह प्रैक्टिस के दैरान थ्रो-डाउन (नेट्स पर बल्लेबाजों को गेंदें फेंकते हैं) की जिम्मेदारी निभाते हैं. रघु घंटों गेंदें फेंककर टीम इंडिया के बल्लेबाजों को प्रैक्टिस करवाते हैं. विराट कोहली के अलावा वह सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों को भी नेट्स पर गेंदें डाल चुके हैं.
कभी खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे रघु
कर्नाटक के रहने वाले रघु क्रिकेटर बनने का सपना लिए मुंबई गए थे. लेकिन उन्हें वहां क्लबों की ओर से खेलते हुए ज्यादा सफलता नहीं मिली. रघु अपने घर लौट गए. वहां उन्होंने एक इंस्टीट्यूट से खुद को जोड़ा. बाद में वह रणजी टीम के थ्रो डाउन असिस्टेंट बन गए. वहीं से उनकी किस्मत बदली, 2008 में उन्हें एनसीए (नेशनल क्रिकेट एकेडमी) में नौकरी मिल गई. इसके बाद ही वह टीम इंडिया से जुड़ गए.
विराट का फिर कमाल
विराट कोहली ने वनडे के सबसे तेज 8000 रन पूरे कर लिए हैं. उन्होंने सेमीफाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ 88 रन बनाते ही यह रिकॉर्ड बना डाला. 28 वर्षीय विराट ने175वीं पारी में यह उपलब्धि हासिल की. उन्होंने द. अफ्रीकी दिग्गज एबी डिविलियर्स को पीछे छोड़ा. डिविलियर्स ने 182 पारियों में 8000 रन पूरे किए थे.