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रेड-बॉल क्रिकेट में रिंकू सिंह की दहाड़! बैक-टू-बैक सेंचुरी… क्या अब उनके लिए टेस्ट टीम का दरवाजा खुलने वाला है?

रिंकू सिंह इस रणजी सीजन में लगातार दो शतकों (165* और 176) के साथ धमाकेदार फॉर्म में हैं. रिकी ने लंबी पारी खेलने की अपनी काबिलियत फिर साबित की. रिंकू का यह निरंतर प्रदर्शन चयनकर्ताओं के लिए साफ संदेश है कि वह टेस्ट टीम के लिए तैयार हैं.

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रणजी ट्रॉफी में रिंकू सिंह का लगातार अच्छा प्रदर्शन.
रणजी ट्रॉफी में रिंकू सिंह का लगातार अच्छा प्रदर्शन.

व्हाइट बॉल के सितारे के रूप में पहचाने जाने वाले बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह ने रेड बॉल में ऐसी धमाकेदार दस्तक दी है कि अब पूरे चयन सिस्टम में एक नई बहस छिड़ गई है-  क्या यह वही वक्त है, जब रिंकू को आखिरकार टेस्ट कैप मिलनी चाहिए?

रणजी ट्रॉफी में लगातार दो बड़ी पारियां… 165* के बाद 176. यह फॉर्म नहीं, यह टेस्ट टीम के दरवाजे पर उनके बैट का जोरदार प्रहार है.

इस सीजन कानपुर में आंध्र के खिलाफ नाबाद 165* ठोकने के बाद रिंकू ने बुधवार को कोयम्बटूर में तमिलनाडु के खिलाफ परिपक्व पारियों में से एक खेली- 247 गेंदों में 176 रन, जिसमें 17 चौके और 6 छक्के शामिल थे. ये सिर्फ रन नहीं, यह एक बयान था कि रिंकू सिर्फ ‘फिनिशर’ नहीं, बल्कि लंबी पारी खेलने वाले प्योर बैटर भी हैं.

टीम लड़खड़ाती रही, रिंकू खड़े रहे

तमिलनाडु ने 455 रन ठोककर दबाव बनाया था. यूपी के विकेट गिरते रहे, लेकिन रिंकू टिके रहे. शिवम शर्मा के साथ 53 रनों की साझेदारी की. कार्तिक यादव के साथ 59 रन रन जोड़े...एक छोर से साथी आउट होते गए, दूसरे छोर से रिंकू बड़े शॉट्स और अपनी तकनीक से रन जोड़ते रहे. आखिरकार वह 143वें ओवर में पी. विद्युत की गेंद पर आउट हुए, लेकिन तब तक UP की टीम तमिलनाडु की पहली पारी के स्कोर के करीब पहुंच चुकी थी.

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लोअर ऑर्डर में आकिब खान (29 गेंदों पर नाबाद 14) और कुणाल त्यागी (5) ने दबाव में धैर्य दिखाते हुए यूपी का स्कोर 460 तक पहुंचाया. इस तरह टीम ने महज 5 रनों की, लेकिन बेहद महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली. मैच ड्रॉ रहा और तीन अंक सुनिश्चित कर लिए.

क्यों बढ़ रही रिंकू की टेस्ट दावेदारी?

रिंकू का फर्स्ट-क्लास एवरेज 59.से ऊपर है, जो भारत में टॉप बल्लेबाजों की रेंज में आता है. वह अब तक 9 टेस्ट शतक जड़ चुके हैं. मुश्किल हालात में बड़ी पारी खेलने की क्षमता और अब लगातार बैक-टू-बैक धमाल...ये संयोग नहीं, लंबे फॉर्मेट के लिए उनकी पुख्ता तैयारी है.

टेस्ट टीम में रिंकू सिंह की चर्चा इसलिए तेज हो रही है क्योंकि उन्होंने मैच की परिस्थितियों के अनुरूप लंबी पारी खेलने की क्षमता दिखाई है, लाल गेंद पर उनकी तकनीक बेहद साफ और भरोसेमंद नजर आती है. दबाव की स्थितियों में भी वे टीम को संभालने में सक्षम रहे हैं. सफेद गेंद वाले क्रिकेट में मिली सफलता ने उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ाया है. और सबसे अहम यह है कि रिंकू खुद खुलकर कह चुके हैं- 'मैं टेस्ट खेलना चाहता हूं, ऑल-फॉर्मेट खिलाड़ी हूं.'

टीम इंडिया में मिडिल ऑर्डर में लगातार बदलाव हो रहे हैं, ऐसे में रिंकू की यह फॉर्म चयनकर्ताओं के लिए साफ संदेश है कि वे इस स्लॉट के मजबूत दावेदार बन चुके हैं. रणजी में जिस भरोसे और क्लास के साथ रिंकू खेल रहे हैं, इससे कहा जा सकता है कि भरोसेमंद मिडिल-ऑर्डर बल्लेबाज के तौर पर रिंकू का दावा मजबूत है.
 

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