भारतीय क्रिकेट टीम का पिछले कुछ महीनों से टेस्ट मैचों में जो शानदार सफर चल रहा था, वो भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ में भी जारी रहा. ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में मात देकर लौटी टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में पहले मैच में ही झटका लगा, लेकिन बाद में तीनों मैच जीतकर टीम ने इतिहास रच दिया. इस सीरीज में कई स्टार्स रहे, जिन्होंने अपने दम पर मैच का रुख बदल दिया. लेकिन खिलाड़ियों से अलग एक व्यक्ति ऐसा भी था, जिसका पूरा क्रिकेट जगत दीवाना हो गया.
भारत और इंग्लैंड सीरीज में अंपायरिंग कर रहे नितिन मेनन पूरी सीरीज में चर्चा का विषय रहे. अक्सर भारतीय अंपायर अपनी गलत अंपायरिंग या किसी बड़े ब्लंडर के कारण ही सुर्खियां बटोरते नजर आए हैं, लेकिन इस बार नितिन मेनन ने कमाल कर दिया. सीरीज में ना जाने ऐसे कई मौके आए, जब दोनों ही टीमों ने नितिन मेनन के फैसले से उलट जाते हुए रिव्यू का सहारा लिया, लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी और अंत में नितिन मेनन ही सही साबित हुए.
सीरीज में कई बार 21 साबित हुए नितिन मेनन
अगर आखिरी टेस्ट मैच का ही उदाहरण लें, तो जब भारतीय टीम की पारी में चेतश्वर पुजारा के खिलाफ LBW की अपील हुई तो नितिन मेनन ने उन्हें आउट करार दिया. लेकिन फट से पुजारा ने DRS का प्रयोग किया, तब कमेंटेटर ने भी कहा कि शायद पुजारा को भरोसा है कि पैड से पहले बैट लगा है, लेकिन नहीं यहां नितिन मेनन सही साबित हुए और चेतश्वर पुजारा आउट हो गए.
ऐसा ही रोहित शर्मा के विकेट के साथ भी हुआ, जब काफी मुश्किल फैसले में नितिन मेनन ने उन्हें आउट करार दिया. रोहित ने रिव्यू लिया, लेकिन टीवी अंपायर के फैसले में रोहित का पिच मैप तीन में से एक लाल और दो अंपायर्स कॉल दिखा रहा था, जिसके बाद रोहित आउट करार दिए गए.
सिर्फ सही नतीजे के मामले में ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों पर नजर रखने के मामले में भी इस बार नितिन मेनन ने शानदार काम किया. बेन स्टोक्स ने सीरीज में एक बार गेंद पर सलाइवा लगाया था, जिसके बाद नितिन ने उन्हें देखा, चेतावनी दी और बॉल को तुरंत सैनिटाइज़ किया. इसके अलावा इंग्लैंड के खिलाड़ी जब पिच के डेंजर एरिया में थे, तब भी नितिन मेनन ने उन्हें नियम की याद दिलाई.
क्रिकेटर रह चुके हैं नितिन मेनन, पिता भी थे अंपायर
अगर नितिन मेनन की बात करें, तो वो मध्य प्रदेश से आते हैं और खुद भी एक क्रिकेटर रह चुके हैं. इंदौर के रहने वाले नितिन मेनन एक बल्लेबाज थे, उन्होंने दो लिस्ट-ए मैच खेले हैं. जिनमें एक पारी में उनकी बल्लेबाजी आई और उन्होंने सात रन बनाए थे. इसी मैच में उन्होंने तीन कैच भी पकड़े थे.
नितिन मेनन के पिता नरेंद्र मेनन भी एक अंपायर रह चुके हैं, साथ ही उन्होंने भी फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला. नरेंद्र मेनन ने 51 फर्स्ट क्लास मैच में करीब 1800 रन बनाए थे.
इसके बाद नितिन मेनन अपने पिता की राह पर निकल पड़े और अंपायरिंग में हाथ आजमाया. 2017 में नितिन मेनन ने पहले बार टी-20 और फिर वनडे के लिए अंपायरिंग की. अबतक नितिन मेनन 7 टेस्ट मैच में अंपायरिंग कर चुके हैं, इसके अलावा 24 वनडे और 16 टी-20 में भी वो अंपायरिंग कर चुके हैं.
अंपायरिंग की दुनिया में भारत की बड़ी एंट्री
अंपायरिंग की दुनिया अबतक डेविड शेफर्ड, साइमन टफल जैसे महान अंपायरों का ही उदाहरण दिया जाता है. लेकिन अब जब नितिन मेनन की शानदार अंपायरिंग की हर कोई तारीफ कर रहा है, तो भारतीय अंपायरिंग के लिए अच्छे दिन हैं. भारत-इंग्लैंड सीरीज़ के दौरान भी सुनील गावस्कर, आकाश चोपड़ा, संजय मांजरेकर, हर्षा भोगले जैसे दिग्गजों ने नितिन मेनन की तारीफ की.
बता दें कि नितिन मेनन अब आईसीसी अंपायर्स के एलिट पैनल का हिस्सा हैं. एलिट पैनल में अंपायर उनकी ऑनफील्ड अंपायरिंग, उनके निर्णय कितनी बार डीआरएस के जरिए ओवरटर्न हुए, इन सब मुद्दों को मिलाकर चुने जाते हैं.