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Arshdeep Singh Sold in Punjab Kings: अर्शदीप सिंह ने रचा इतिहास... IPL नीलामी में पंजाब ने RTM से इतने में खरीदा

Arshdeep Singh Sold in Punjab Kings: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 सीजन का मेगा ऑक्शन शुरू हो गया है. यह नीलामी 24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दा में हो रही है. पहले दिन सबसे पहली बोली तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह पर लगी. मगर आखिर में उन्हें पंजाब किंग्स (PBKS) ने राइट टू मैच (RTM) कार्ड का इस्तेमाल कर 18 करोड़ रुपये में खरीद लिया है.

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तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह.
तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह.

Arshdeep Singh Sold in Punjab Kings: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 सीजन का मेगा ऑक्शन शुरू हो गया है. यह नीलामी 24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दा में हो रही है. पहले दिन सबसे पहली बोली तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह पर लगी. मगर आखिर में उन्हें पंजाब किंग्स (PBKS) ने राइट टू मैच (RTM) कार्ड का इस्तेमाल कर 18 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. इस तरह अर्शदीप आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे भारतीय बॉलर बन गए हैं. 

मगर कुछ देर बाद स्टार स्पिनर युजवेंद्र चहल भी 18 करोड़ रुपये में बिके और वो भी अर्शदीप के साथ संयुक्त रूप से सबसे महंगे भारतीय बॉलर बन गए हैं. चहल को पंजाब किंग्स ने 18 करोड़ रुपये में खरीदा. चहल पिछले सीजन में राजस्थान रॉयल्स में थे, जिन्हें 6.50 करोड़ रुपये मिल रहे थे.

अर्शदीप पिछली बार पंजाब में ही थे. तब उनकी कीमत 4 करोड़ रुपये थी. नीलामी में अर्शदीप पर आखिरी बोली सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) ने 15.75 करोड़ रुपये की लगाई थी. इसके बाद ऑक्शनर मल्लिका ने पंजाब से RTM के लिए पूछा, तो उन्हें हां कर दी.

फिर हैदराबाद को आखिरी बोली लगाने का मौका मिला, तो उन्होंने 18 करोड़ रुपये लगाई. फिर आखिरी बार पंजाब से RTM कार्ड इस्तेमाल करने के लिए पूछा, तो उन्होंने 18 करोड़ की कीमत पर अर्शदीप को खरीद लिया.

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कैसे काम करता है RTM नियम?

राइट टू मैच कार्ड नियम फ्रेंचाइजी के लिए एक तरह का ऑप्शन होता है, जिसका इस्तेमाल कर वो नीलामी में उस खिलाड़ी को वापस अपनी टीम में शामिल कर सकती है, जिसे उसने हाल ही में रिलीज कर दिया था. नीलामी में दूसरी फ्रेंचाइजी भले उस प्लेयर पर ऊंची बोली लगा दे, लेकिन पुरानी फ्रेंचाइजी को RTM नियम से उस प्लेयर को वापस खरीदने में एक मौका मिलता है.

किसी खिलाड़ी के लिए बोली लगती है, तो आखिरी बोली लगाने वाली टीम खरीदने की स्थिति में होती है. तब पुरानी टीम से पूछा जाएगा कि क्या वो RTM नियम का इस्तेमाल करना चाहती है या नहीं? यदि हां, तो जिस टीम ने आखिरी बोली लगाई उसे आखिरी बोली लगाने का मौका मिलेगा. फिर उसके बाद पुरानी टीम RTM नियम इस्तेमाल करती है, तो उसे बढ़ी हुई राशि देनी होगी. अन्यथा बोली लगाने वाली टीम उस प्लेयर को खरीद लेगी.

उदाहरण के साथ इस तरह समझें.... मान लीजिए कि गुजरात टाइटन्स (GT) टीम तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को रिटेन नहीं करती और वो नीलामी में जाते हैं. तब मान लीजिए चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) टीम उन पर आखिरी बोली 10 करोड़ रुपये की लगाती है. तब गुजरात टीम को RTM नियम इस्तेमाल कर वापस अपनी टीम में शामिल करने का मौका मिलेगा.

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यदि गुजरात टीम हां करती है, तो चेन्नई को आखिरी बोली लगाने का मौका मिलेगा. तब मान लीजिए चेन्नई फ्रेंचाइजी 15 करोड़ रुपये की आखिरी बोली लगाती है. तब गुजरात को RTM नियम के तहत इसी कीमत पर शमी को खरीदना होगा. यदि वो ऐसा नहीं करती है, तो इस 15 करोड़ की कीमत में चेन्नई टीम शमी को खरीद लेगी.

खिलाड़ियों पर पैसों की भी बरसात

इसी उदाहरण से आप यह भी समझ सकते हैं कि कुछ इसी तरह खिलाड़ियों पर जमकर पैसों की भी बरसात हो सकती है. जब नई फ्रेंचाइजी और पुरानी फ्रेंचाइजी के बीच खिलाड़ी को खरीदने की होड़ रहेगी तो आखिरी बोली तक उस खिलाड़ियों को मोटी रकम मिलने की भी काफी उम्मीद रहेगी. इस तरह ऐसे प्लेयर्स पर जमकर पैसों की भी बरसात हो सकती है.

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