2015 वर्ल्ड कप में गुरुवार को दूसरे सेमीफाइनल में टीम इंडिया का मुकाबला पांच बार के चैंपियन और क्रिकेट की दिग्गज टीम ऑस्ट्रेलिया से है. टूर्नामेंट में लगातार सात मैच जीत ब्लू जर्सी वाली भारतीय टीम इस बार पीली जर्सी वालों को पछाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. इंडियन होने के नाते मैंने भी 'फिंगर्स क्रॉस्ड' कर रखी हैं. सिडनी के मैदान पर इस सेमीफाइनल मुकाबले में खेल के दौरान हम किसी भी डिपार्टमेंट में थोड़ा भी चूके तो तय मानकर चलें कि मुंहकी खानी पड़ेगी.
2015 वर्ल्ड कप में प्रदर्शन कैसा है?
बेशक इस टूर्नामेंट के सभी मैच जीत कर टीम इंडिया के प्रदर्शन का पलड़ा मजबूत दिखता है लेकिन यहां भी यह भी नजरअंदाज नहीं करने लायक है कि ऑस्ट्रेलिया से ये अंतर बहुत बारीक है. लीग मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ग्रुप ‘ए’ में न्यूजीलैंड के खिलाफ एक विकेट से हार और बांग्लादेश के खिलाफ बारिश से मैच धुल जाने के कारण नंबर दो पर रही वहीं, टीम इंडिया सभी मैच जीतकर ग्रुप ‘बी’ की नंबर वन. टीम इंडिया ने सभी विरोधी टीमों को ऑल आउट किया, कोई शक नहीं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया जिस एक मैच में न्यूजीलैंड से हार गया वो महज एक विकेट के अंतर से था. टीम इंडिया अंतिम चार मैच कमजोर टीमों के खिलाफ खेली है जबकि ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान और श्रीलंका को हराया है.
यहां महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी बड़ा अंतर लाएगी क्योंकि वो बतौर चैंपियन उतरे और इस वर्ल्ड कप में अभी तक एक भी मैच नहीं हारे हैं. दूसरी ओर क्लार्क हैं जो वर्ल्ड कप में पहली बार कप्तानी कर रहे हैं.
स्पिनरों नहीं, पेस बॉलर्स की बोलेगी तूती
विशेषज्ञ यह कहते रहे हैं कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर स्पिनरों का जलवा रहेगा. यह बात टेस्ट मैचों में यहां शेन वॉर्न के 64 विकेटों और टीम इंडिया के टेस्ट रिकॉर्ड से तो मेल खाती है लेकिन वनडे में यहां तेज गेंदबाजों की ही चलती है. इस ग्राउंड पर 50 विकेट के साथ वनडे के बादशाह रहे हैं ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा. इस टूर्नामेंट में भी पेस बॉलर्स (255) स्पिनरों (71) से अधिक विकेट ले रहे हैं और इस ग्राउंड पर भी वो ही आगे हैं. यहां खेले गए चार मैचों में 32 विकेट तेज गेंदबाजों की झोली में जबकि महज 17 स्पिनरों के खाते में गए हैं. वैसे तो टीम इंडिया की पेस तिकड़ी 43 विकेट ले चुकी है लेकिन यहां भी ऑस्ट्रेलियाई 50 विकेटों के साथ काफी आगे हैं. ये महज आंकड़े नहीं बल्कि पेस के खिलाफ असहज रहने वाले बल्लेबाजों से अटी पड़ी टीम इंडिया के लिए बेहद चिंताजनक होगी.
लेकिन जनाब हमारी बल्लेबाज अगर पेस के आगे थोड़े कमजोर पड़ते हैं तो उनके कौन से बहुत मजबूत हैं. पाकिस्तानी गेंदबाज वहाब रियाज ने तो मंत्र दे ही दिया है.
सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया कभी नहीं हारा
वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के रिकॉर्ड भी हमें विचलित किए हुए हैं. ऑस्ट्रेलियाई टीम चार बार चैंपियन रह चुकी है. छह बार सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही है और सभी मौके पर विपक्षी टीम को धूल चटाते हुए फाइनल में जगह बनाई, यानी 100 फीसदी जीत का आंकड़ा. मजेदार तो यह है कि कंगारू इनमें से केवल दो मौके (1975 और 1996) पर ही फाइनल में हारे. दूसरी ओर टीम इंडिया ने अब तक पांच बार (1983, 1987, 1996, 2003 और 2011 में) सेमीफाइनल में जगह बनाई और केवल तीन मौके ऐसे आए जब ये फाइनल में पहुंची. यानी टीम इंडिया यहां भी पीछे है.
अब भला कहां ऐसा लिखा है कि जो जीत रहा है वो जीतता ही जाएगा. न्यूजीलैंड भी तो कभी फाइनल में नहीं पहुंचा था, इस बार उसने कर दिखाया.
वर्ल्ड कप में रिकॉर्ड के मामले में भी ‘उन्नीस’
हम ऑस्ट्रेलिया को हरा तो सकते हैं, लेकिन फैक्ट्स साथ नहीं हैं. यानी जब-जब हम ऑस्ट्रेलिया से भिड़े, उन्होंने हमें पानी भरने को मजबूर किया. अब तक हुए 11 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में किए गए प्रदर्शन के आधार पर भी इन दोनों टीमों में से पलड़ा कंगारुओं का ही भारी है. इन दोनों टीमों के बीच वर्ल्ड कप में 10 मैच हुए हैं और टीम इंडिया केवल 3 बार ही जीती. इतना ही नहीं, टीम इंडिया ने अब तक कुल 74 वर्ल्ड कप मैचों में से 46 जीती (62.16 फीसदी) है. जबकि ऑस्ट्रेलिया 82 वर्ल्ड कप मैचों में से 60 जीत (73.17 फीसदी) कर कहीं आगे है. एक और फैक्ट, भले ही टीम इंडिया लगातार 12वीं जीत की तलाश में उतरेगी लेकिन लगातार जीत का रिकॉर्ड भी ऑस्ट्रेलिया के नाम पर ही है, वो भी 25 मैच लगातार जीतने का.
अब यहां भी एक प्लस प्वाइंट है. पिछले वर्ल्ड कप से नॉकआउट कर हमने ही ऑस्ट्रेलिया की लगातार जीत का सिलसिला थामा था. यानी वर्ल्ड कप में अंतिम मुकाबला हम जीत चुके हैं.
सिडनी में भी ऑस्ट्रेलिया है भारी
एससीजी पर टीम इंडिया अब तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल 14 वनडे खेली चुकी है लेकिन पिछले 35 सालों के इतिहास में इस ग्राउंड पर सात साल पहले एकमात्र जीत मिली थी. वैसे इसी मैदान पर अन्य टीमों खिलाफ उसका रिकॉर्ड 100 फीसदी जीत का रहा है. इंग्लैंड, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड को यहां वो एक-एक वनडे हरा चुकी है. ऑस्ट्रेलियाई टीम यहां 125 वनडे में 82 जीत के आंकड़े के साथ उतरेगी. पिछले दो सालों से वो यहां एक भी वनडे नहीं हारा है. इस टूर्नामेंट में भी उसे इस मैदान पर एक मैच जीतने का अनुभव है. मैक्सवेल ने तो उस मैच में शतक भी जड़ा था. इस टूर्नामेंट में यहां चार मैच खेले गए हैं जिसमें 48,000 दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में क्रिकेट प्रेमी अब तक 29 छक्के देख चुके हैं.
लेकिन जीत तो हमारी ही होगी
अब क्या करें हम भी? विकट परिस्थितियां हैं, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी. सेमीफाइनल में सिडनी क्रिकेट स्टेडियम में लगभग 70 फीसदी भारतीय दर्शक मौजूद रहेंगे, ये टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ा प्लस प्वाइंट साबित होगा. इस मैदान पर डी’विलियर्स की ‘गरज’ और मैक्सवेल की ‘बरस’ हो चुकी है. अब बारी है ‘टीम एफर्ट’ की वजह से सभी सात मैच जीत चुकी टीम इंडिया के थिरकने की. इतिहास बदलने को तैयार है टीम इंडिया और हम भी, उस नजारे के लिए. आप भी हो जाएं शामिल क्योंकि जश्न अभी बाकी है मेरे दोस्त.