भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जड़ा था. उप-कप्कान ऋषभ पंत ने पहली इनिंग्स में 134 और दूसरी पारी में 118 रन बनाए थे. हालांकि इस प्रदर्शन के बावजूद भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ यह मुकाबला 5 विकेट से गंवा दिया.
गंभीर का बयान बना विवाद की वजह!
मुकाबले की समाप्ति के बाद ऋषभ पंत के दो शतकों को लेकर जब टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर से सवाल पूछा गया था तो वो उखड़ पड़े थे. गौतम गंभीर ने सवाल करने वाले रिपोर्टर को बीच में ही टोकते हुए कहा था, 'तीन और सेंचुरी भी लगे हैं. वो भी काफी सकारात्मक हैं. धन्यवाद.'
गौतम गंभीर ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा था, 'मुझे अच्छा लगता अगर आप कहते कि यशस्वी जायसवाल का शतक लगा, कप्तान के तौर पर शुभमन गिल का डेब्यू शतक लगा. केएल राहुल का शतक लगा और ऋषभ पंत के दो शतक लगे. तो कुल मिलाकर पांच शतक बने हैं. यह बेहतरीन आगाज रहा, लेकिन सवाल थोड़ा बेहतर हो सकता था. '
गौतम गंभीर का मकसद साफ था कि टीम की सफलता महत्वपूर्ण है, ना कि व्यक्तिगत कामयाबी. यह वही गंभीर हैं जिन्होंने एक दशक तक लोगों को यह याद दिलाया कि 2011 का वर्ल्ड कप एक सिक्स ने नहीं जिताया, बल्कि पूरी टीम ने मिलकर उसे जीता था. कभी-कभी ऐसा लगता है कि गंभीर व्यक्तिवाद के ही विरोधी नहीं हैं, वह व्यक्तिगत खेल के भी विरोधी हैं. अगर गंभीर से पूछा जाए कि उसेन बोल्ट या माइकल फेल्प्स में से कौन बेस्ट है, तो वह शायद जवाब में 'रिले टीम' कहेंगे.

खैर, लीड्स टेस्ट में गौतम गंभीर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. सवाल पूछे जाने लगे कि क्या गंभीर ऋषभ पंत से नफरत करते हैं? क्या गंभीर को ऋषभ पंत से दिक्कत है? पंत को क्रेडिट देने में गंभीर को दिक्कत क्यों हो रही है? चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान पंत बेंच पर क्यों थे? वे टी20I टीम में क्यों नहीं हैं? उन्हें टेस्ट में भी अच्छा प्रदर्शन जारी रखने की याद क्यों दिलाई जा रही है?
हाल ही में टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा ने एक ऐसा किस्सा सुनाया, जिससे 'गंभीर vs पंत' की कहानी को सोशल मीडिया पर और हवा मिली. जडेजा ने यह किस्सा 2015 के रणजी सीजन का सुनाया था, जिसमें ऋषभ पंत को शुरुआती टीम में नहीं चुना गया था. जडेजा के मुताबिक तब दिल्ली की टीम के कप्तान गौतम गंभीर और चयनकर्ताओं के बीच टीम कॉम्बिनेशन को लेकर चर्चा हुई थी.
ऋषभ पंत ने उस वक्त टीम से बाहर होने के बाद अजय जडेजा से कहा था, 'जब उन्हें मेरी जरूरत होगी, तो वो मुझे घर से बुला लेंगे.' ऋषभ पंत ने यह बात नाराज होकर नहीं कही थी, बल्कि भरोसे के साथ कही थी. यानी जडेजा इस किस्से के जरिए पंत के संयम और भरोसे की तारीफ कर रहे थे, लेकिन इसे 'गंभीर vs पंत' की कहानी में बदल दिया गया.
क्या सच में है दोनों के बीच मनमुटाव?
गौतम गंभीर और ऋषभ पंत के बीच कोई टकराव नहीं है, ये अटकलों से ज्यादा कुछ नहीं. टीम इंडिया अभी बदलाव के दौर से गुजर रही है और गंभीर उस ट्रांजिशन को दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं. जब विराट कोहली और रोहित शर्मा ने टेस्ट से संन्यास लिया, तो क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट में शुभमन गिल को कप्तान और ऋषभ पंत को उप-कप्तान बनाया गया. इसका समर्थन खुद गौतम गंभीर ने किया था.
यही नहीं, गौतम गंभीर ने साल 2021 में गाबा में मिली ऐतिहासिक टेस्ट जीत के बाद ऋषभ पंत की खुलेआम तारीफ की थी. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2018 में गंभीर ही दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान थे, जिसमें ऋषभ पंत ने 618 रन बनाए थे. यह किसी आईपीएल सीजन में ऋषभ पंत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.
(इनपुट: Akshay Ramesh)