भारत-इंग्लैंड के बीच आज से मैनचेस्टर में 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा मैच खेला जा रहा है. इस मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया है. यानी भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करेगी. इस मुकाबले के लिए कप्तान शुभमन गिल ने प्लेइंग इलेवन में तीन बड़े बदलाव किए हैं. आकाशदीप और नीतीश रेड्डी की जगह टीम में अंशुल कम्बोज और शार्दुल ठाकुर को जगह दी गई है, जबकि करुण नायर की जगह साई सुदर्शन को मौका मिला है.
पिछले तीन मैच में करुण नायर का प्रदर्शन फीका रहा था. वो 6 पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके थे. ऐसे में माना जा रहा था कि करुण नायर को चौथे टेस्ट में मौका नहीं मिलेगा. हुआ भी यही. हालांकि, ये जानना जरूरी है कि आखिर 8 साल बाद टीम में वापसी करने वाले करुण नायर से आखिर कहां चूक हो गई की वो फिर से टीम से बाहर हो गए.
ऐसा रहा करुण का प्रदर्शन
33 साल के करुण नायर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट से बाहर कर दिए गए. उन्होंने मौजूदा सीरीज के 3 टेस्ट की 6 पारियों में महज 21.83 की औसत से 131 रन बनाए. उनका उच्चतम स्कोर 40 रहा. उनकी पोजिशन में भी बदलाव किया गया. लेकिन करुण टीम की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. जब टीम को पारी को संभालने की जरूरत थी तब भी नायर दम नहीं दिखा सके.
ऐसा रहा है करुण नायर का करियर
करुण नायर के टेस्ट करियर की बात करें तो नायर ने कुल 9 टेस्ट मैच खेले हैं. इसकी 13 पारियों में उन्होंने कुल 505 रन बनाए हैं. इसमें एक तिहरा शतक (303) भी शामिल है. उनका एवरेज 42 का रहा है. वनडे के सिर्फ दो मैच में करुण को मौका मिला है. कुल 46 रन उनके बल्ले से निकले हैं. हालांकि, फर्स्ट क्लास क्रिकेट में करुण के आंकड़े बेहद शानदार हैं और उन्होंने 119 मैच में 8601 रन बनाए हैं. इसमें 24 शतक शामिल हैं.
77 टेस्ट के बाद मिला था करुण नायर को मौका
इस सीरीज से पहले करुण ने अपना आखिरी टेस्ट 25 मार्च 2017 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में खेला था. उसके बाद उन्हें भारत के लिए पहली बार खेलने का चांस मिला था. करुण नायर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस धर्मशाला टेस्ट के बाद 77 मैच मिस किए. ये भारत के लिए दो टेस्ट मैचों के बीच चौथा सबसे लंबा अंतराल है.
करुण ने इस मामले में अभिनव मुकुंद को पछाड़ दिया था, जिन्होंने 56 टेस्ट मैचों से बाहर रहने के बाद टीम में वापसी की थी. तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने 2010 से 2022 के बीच 118 टेस्ट मैच मिस किए, जो भारतीय खिलाड़ियों में सबसे लंबा अंतराल है.
मैनचेस्टर के लिए भारत की प्लेइंग 11: यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, अंशुल कम्बोज
मैनचेस्टर के लिए इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन: जैक क्राउली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जैमी स्मिथ (विकेटकीपर), लियाम डॉसन, क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोफ्रा आर्चर.
भारत का मैनचेस्टर में टेस्ट रिकॉर्ड कैसा है?
भारत ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर अपना पहला टेस्ट मैच साल 1936 में खेला. बीते 89 सालों में इस मैदान पर टीम इंडिया ने कुल 9 टेस्ट खेले हैं. इन मैचों में टीम इंडिया को कभी भी जीत नहीं मिली है. 4 बार टीम को हार का सामना करना पड़ा, जबकि 5 मुकाबले ड्रॉ पर खत्म हुए.