Hindu Cricketer in Bangladesh Team: पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज स्पिनर दानिश कनेरिया अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं. वो पाकिस्तान के लिए खेलने वाले दूसरे हिंदू क्रिकेटर हैं. दानिश ने हमेशा ही सोशल मीडिया के जरिए बताया है कि ड्रेसिंग रूम से लेकर मैदान तक हिन्दू होने या धर्म को लेकर खराब बर्ताव होता था और उन्हें लगातार धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जाता था.
दानिश ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर अहमद शहजाद का एक वीडियो शेयर कर एक बार फिर इसी तरह के आरोप लगाए और उन्होंने अपने पुराने जख्मों को हरा किया है. यह वीडियो 2014 का है, जिसमें शहजाद एक मैच के दौरान श्रीलंकाई दिग्गज तिलकरत्ने दिलशान को इस्लाम अपनाने के लिए कहते हुए देखे गए. इस वीडियो में शहजाद ने दिलशान से कहा कि अगर वो इस्लाम अपना लेंगे तो वो "सीधे स्वर्ग" जा सकेंगे.
बांग्लादेश टीम में खेले 16 हिंदू क्रिकेटर
मगर इन सभी विवादों के बीच फैन्स को बता दें कि पाकिस्तानी टीम में अब तक दो ही हिंदू क्रिकेटर अनिल दलपत और दानिश कनेरिया खेल सके हैं. अनिल रिश्ते में दानिश के चाचा हैं. मगर दूसरी ओर बांग्लादेश है, जो 1947 से पहले भारत का ही हिस्सा था. मगर बंटवारे में पाकिस्तान के साथ चला गया था और फिर 1971 में अलग देश बना.
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ऐसे में चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान से कई गुना ज्यादा हिंदू क्रिकेटर तो बांग्लादेश टीम में खेले हैं. इन खिलाड़ियों की संख्या 17 है. ये प्लेयर आलोक कपाली, तापस बैश्य, धीमन घोष, सौम्य सरकार, लिटन दास, शुवागता होम, पिनाक घोष, रॉनी तालुकदार, जॉनी तालुकदार, बिकास रंजन दास (बाद में मुस्लिम बने) देबब्रत बरुआ, नारायण चंद्र, ताबोश घोष, सुमोन साहा, संजीत साहा, सुबाशिस रॉय और प्रीतम कुमार हैं. इनके अलावा एक हिंदू महिला क्रिकेटर दिशा बिस्वास भी क्रिकेट खेल रही हैं.
इन खिलाड़ियों में लिटन दास और सौम्य सरकार स्टार प्लेयर हैं, जो अब भी टीम में खेल रहे हैं. जबकि आलोक कपाली और तापस बैश्य अपने समय के दिग्गज क्रिकेटर रहे हैं. इनमें लिटन दास खुलकर हिंदुत्व पर बात करते हैं और खुद को भगवान कृष्ण का दास बताते हैं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम बायो में भी यह लिखा है.

पाकिस्तान-बांग्लादेश के बच्चों में भी धार्मिक द्वेष
पाकिस्तान और बांग्लादेश में एक बात कॉमन यह रही है कि दोनों ही देशों में बच्चों में तक धार्मिक द्वेष देखा जाता रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण पिछले साल अगस्त में देखने को मिला था, जब सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के एक बच्चे का वीडियो काफी वायरल हुआ. इसमें बच्चे ने पत्रकार से कहा था कि वह सौम्य सरकार से नहीं मिलना चाहता क्योंकि वह हिंदू है. पत्रकार ने बच्चे से पूछा कि उसे किस क्रिकेटर से मिलना है? इस पर छोटे बच्चे ने मशरफे, मुस्तफिजूर रहमान, तस्कीन अहमद और सरीफुल का नाम लिया.
इसके बाद पत्रकार ने उससे पूछा कि सौम्य सरकार. इसके जवाब में बच्चे ने कहा सौम्य सरकार तो हिंदू है. मैं उससे नहीं मिलना चाहता हूं. वॉइस ऑफ बांग्लादेशी हिंदूज के पेज से यह वीडियो पिछले हफ्ते शेयर किया गया था.
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अपना धर्म तक बदल लेते हैं क्रिकेटर
पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब गैर-मुस्लिम क्रिकेटरों ने दबाव या अपनी मर्जी से धर्म बदला है. पाकिस्तान में बड़ा उदाहरण यूसुफ योहाना रहे हैं, जो बाद में ईसाई से मुस्लिम बन गए थे. उन्होंने अपना नाम मोहम्मद यूसुफ कर लिया था. इसके बाद वो पाकिस्तानी टीम के कप्तान तक बने थे.
मगर बांग्लादेश में भी ऐसे ही कई मामला सामने आए. इनमें बिकास रंजन दास भी शामिल रहे हैं, जिन्होंने अपना धर्म बदलकर इस्लाम कुबूल किया था. उन्होंने अपना नाम महमूदुर रहमान रख लिया था. 41 साल के रहमान ने बांग्लादेश के लिए एक टेस्ट मैच खेला. इसके बाद ही उन्होंने धर्म बदला, मगर फिर वो देश के लिए कोई मैच नहीं खेल सके.