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PCB के पूर्व चेयरमैन बोले- भारत-पाक के बीच शुरू हो जिन्ना-गांधी ट्रॉफी, एशेज की तर्ज पर हो सीरीज

जाका अशरफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को दोबारा शुरू करने पर जोर दिया है. दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में हुई थी. उस वक्त जाका अशरफ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन थे.  

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भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को दोबारा शुरू करने पर जोर
भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को दोबारा शुरू करने पर जोर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत-पाक के बीच क्रिकेट संबंधों को दोबारा शुरू करने पर जोर
  • पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जाका अशरफ का बयान
  • दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में हुई थी

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के पूर्व चेयरमैन जाका अशरफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को दोबारा शुरू करने पर जोर दिया है. दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में हुई थी. उस वक्त जाका अशरफ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन थे.  

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक जाका अशरफ दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों के मुद्दे पर बोल रहे थे. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जिन्ना-गांधी ट्रॉफी के आयोजन के विचार को दोहराया. अशरफ के मुताबिक उन्होंने पीसीबी का चेयरमैन रहते हुए भी उन्होंने इस नाम से सीरीज का सुझाव दिया था.  

जाका अशरफ ने कहा कि ‘ये सीरीज उसी तर्ज पर होनी चाहिए जैसे कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज होती है. इससे दोनों देशों के बीच न सिर्फ क्रिकेट रिश्ते सुधरेंगे बल्कि दोनों तरफ के लोगों को बढ़िया क्रिकेट देखने का भी मौका मिलेगा.

PCB के पूर्व चेयरमैन जाका अशरफ

 पूर्व पीसीबी चेयरमैन ने कहा कि तटस्थ जगहों पर दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैचों के सुझाव का भी समर्थन किया. जाका अशरफ ने कहा, मैं समझता हूं कि भारत और पाकिस्तान को तटस्थ जगहों पर खेलना चाहिए, अगर घरेलू जमीन नहीं तो यूएई, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका या किसी और देश में भी ऐसा हो सकता है.  

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जाका अशरफ ने आरोप लगाया कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने मुख्य तौर पर भारत के दबाव में आकर फ्यूचर टूर प्रोग्राम्स (FTP) संबंधी अपने नियमों में बदलाव किया है. इसके तहत द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए सदस्य देश मर्जी से फैसला ले सकते हैं, जबकि ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि देश एक-दूसरे से नियमित आधार पर सीरीज का आयोजन करें.


 

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