Ravi Shastri on ICC revenue share: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के रेवेन्यू बंटवारे को लेकर भारत के पूर्व क्रिकेटर और हेड कोच रवि शास्त्री ने सवाल खड़े किए हैं. उनका मानना है कि भारत एक बड़ा मार्केट है और ज्यादा से ज्यादा कमाई भारत की वजह से होती है इसलिए भारत को आईसीसी की कमाई का और बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए.
क्या बोले रवि शास्त्री?
विज्डन क्रिकेट से बातचीत के दौरान रवि शास्त्री ने कहा, ‘भारत को आईसीसी की के कुल राजस्व का और बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए. जब भारत कभी विदेश में जाकर खेलता है तो टीवी राइट्स और कमाई में कई गुना इजाफा होता है. टीवी से हो रही कमाई के आंकड़े ख़ुद ये साबित करते हैं. इसलिए ऐसा कहना बिल्कुल जायज़ होगा कि उन्हें उनके हिस्से का बड़ा भाग मिले’.
उन्होंने कहा, जो भी पैसा आता है उसका अधिकांश हिस्सा भारत से आता है. यह सब इकोनॉमी पर निर्भर करता है. अगर कल को कोई और देश की इकोनॉमी भारत से मज़बूत हो जाए तो पैसा वहां से आएगा. जैसे 70 और 80 के दशक में हुआ करता था, उस समय कमाई का बड़ा हिस्सा किसी और देश को जाता था. इसलिए भारत के लिए और बड़ा हिस्सा मांगना न्यायसंगत है.
अभी भारत को कितना हिस्सा मिलता है?
आईसीसी की ओर से 2024-2027 चक्र में कमाई का 38.5 प्रतिशत हिस्सा मिलता है. ये हिस्सा किसी भी अन्य 12 पूर्णकालिक सदस्य टीम में सबसे ज्यादा है. भारत ही ऐसा देश है जिसे आईसीसी के राजस्व का डबल डिजिट प्रतिशत मिलता हो.
आईसीसी की ओर से भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को सबसे ज्यादा राजस्व का हिस्सा मिलता है. हालांकि, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को भारत के मुकाबले राजस्व का हिस्सा नहीं मिलता है. उनका काफी कम है.
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IPL और भारत की ताक़त
आईपीएल के आने से भारत की क्रिकेट जगत में पकड़ और मज़बूत हो गई है. 2008 में शुरू हुए आईपीएल में दुनियाभर के क्रिकेटर्स, ब्रांड्स और प्रशंसक शामिल होते हैं भारत के बाज़ार से जुड़ते हैं. 70-80 के दशक में क्रिकेट जगत में जो ताक़त इंग्लैंड या वेस्ट इंडिज के पास थी वो अब भारत के पास है.
ICC मॉडल में क्या है भारत की स्थिती?
आईसीसी अपनी कुल राजस्व का 88 प्रतिशत हिस्सा 12 पूर्णकालिक सदस्य टीमों के बीच बांटता है. उसमें से भी 48.2 प्रतिशत हिस्सा भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को मिलता है. भारत को आईसीसी के राजस्व का 38.5 प्रतिशत हिस्सा मिलता है.