ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच डोमिनिका में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि इतिहास के पल ताजा हो गए. 4 जून 1993 को ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने एक ऐसी गेंद डाली थी जिसको 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' करार दिया गया. 22 साल बाद क्रिकेट के मैदान पर एक ऐसी ही गेंद फिर देखने को मिली.
1993 में शेन वॉर्न ने इंग्लैंड के माइक गेटिंग को जिस तरह से बोल्ड किया था, लगभग उसी अंदाज में वेस्टइंडीज के लेग स्पिनर देवेन्द्र बिशू ने ऑस्ट्रेलियाई विकेट कीपर बल्लेबाज ब्रैड हैडिन को बोल्ड किया. कई जानकार अब इस गेंद को 21वीं सदी की सबसे बेहतरीन गेंद मान रहे हैं.
मजे की बात यह है कि वॉर्न ने वह गेंद 4 जून को डाली थी, बिशू ने भी यह कारनामा 4 जून को ही किया. दरअसल यह सब कुछ तब हुआ जब ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी का 44वां ओवर चल रहा था. 44वें ओवर की अंतिम गेंद पर हैडिन क्लीन बोल्ड हो गए. बिशू की गेंद लेग स्टंप के बाहर टप्पा खा रही थी और वह गेंद इतनी घूमी की हैडिन बस गेंद को देखते रह गए और उनका ऑफ स्टंप उखड़ गया.
बिशू ने पहली पारी में 80 रन देकर छह विकेट हासिल किए. मैच के बाद बिशू कहा कि मुझे मालूम था कि यहां डोमिनिका में गेंद स्पिन करेगी. अपनी उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए बिशू ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि अभी इस उपलब्धि पर क्या कहूं. मैं बस इसका आनंद उठ रहा हूं.' हालांकि इस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को 9 विकेट से हरा दिया.
देखें ये वीडियो किस तरह बिशू ने सबको चौंका दिया.1993 में शेन वॉर्न ने डाली थी ये गेंद, जिसे बॉल ऑफ द सेंचुरी कहा गया था.