IND vs SA: कप्तान डीन एल्गर जोहानिसबर्ग टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीकी टीम की जीत के हीरो रहे थे. एल्गर ने दूसरी पारी में नाबाद 96 रनों की अविश्वसनीय पारी थी. नतीजतन साउथ अफ्रीका ने 240 रनों के मुश्किल लक्ष्य को तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया था.
अब डीन एल्गर की पारी को लेकर उनके पिता रिचर्ड एल्गर का बयान सामने आया है. रिचर्ड ने खुलासा किया कि एल्गर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह चौथे दिन खेल के अंत तक खड़े रहेंगे. साथ ही, रिचर्ड ने एल्गर के बचपन से जुड़ी वाकया को भी याद किया, जब पांच साल की उम्र में डीन तेज गेंदबाजों का बखूबी सामना करते थे.
34 साल के रिचर्ड एल्गर ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा, 'बुधवार की रात जब हमने संक्षेप में बात की तो डीन ने मुझसे कहा, 'पिताजी! मैं कल खेल के अंत तक वहां रहूंगा. अगर वे मुझे आउट करना चाहते हैं तो उन्हें मेरे शरीर में कुछ तोड़ना पड़ेगा. वे मेरे शरीर पर मारकर मुझे आउट नहीं कर पाएंगे. नरक में कोई रास्ता नहीं. जब मैंने उसे यह कहते हुए सुना, तो मुझे पता था कि वह चार्ज-अप हो चुका है और लगा कि वह जरूर ऐसा कर पाएगा.'
रिचर्ड ने कहा, 'सुबह जब लक्ष्य 100 से कम हो गया, तो मैंने अपनी पत्नी से कहा, 'तुम्हें पता है, वे आज उसे आउट नहीं करने जा रहे हैं. मैं देख सकता था कि वह जोन में था. वह काफी केंद्रित था जिसके चलते उसे यह भी नहीं पता था कि उसके आसपास क्या हो रहा है. मैं इसे देख सकता था.'
एल्गर के पिता ने बताया कि जब डीन अपने पैड से गेंद खेलता है, तब मुझे पता होता है कि सब ठीक है. यह थोड़ा अजीब है, लेकिन यह बताता है कि वह खेल के प्रति केंद्रित है. उसका संतुलन ठीक है और वह अच्छा करने वाला है.
रिचर्ड एलगर ने कहा, 'मुझे याद है जब डीन सिर्फ 5 साल का था और अपने भाई के एक दोस्त के बैकयार्ड में खेलता था. दो सीनियर लड़के उसे तेज गति से गेंदबाजी करते थे. लेकिन पांच साल का डीन मुझे देखता हुआ देखते हुए कहता था कि पिताजी आप चिंता मत कीजिए, वे मुझे आउट नहीं करेंगे. वह बहुत जिद्दी था. केवल एक चीज है, अगर वह आउट हो जाता था तो वह एक बार फिर बल्लेबाजी करना चाहता था क्योंकि वह उनसे उम्र में बहुत छोटा था.'
उन्होंन कहा, 'खेल के अंत में एक ऐसा क्षण आया जब उसकी एक या दो भारतीय खिलाड़ियों के साथ कहासुनी हो गई थी. उसने अंपायर मराइस इरास्मस से यहां तक कह दिया कि "मैं वहां खड़ा होकर कुछ करने नहीं जा रहा हूं. यह सुनकर मैंने मुस्कुरा दिया.'